:- नोएडा में पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए शुरू की गईं नई पहल
नोएडा: नोएडा में पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए नई पहल** नोएडा, उत्तर प्रदेश। पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को नोएडा में पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई नई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम नोएडा पुलिस कमिश्नरेट, सेक्टर-108 में आयोजित किया गया, जिसमें कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
दिल्ली से सटे नोएडा में कानून-व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए डीजीपी ने 26 स्थानों पर वीडियो वॉल, 10 पिंक बूथ, 2 थानों में ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट और 8 पुलिस चौकियों एवं पुलिस लाइन में नए भवनों का लोकार्पण किया। यह कार्यक्रम नोएडा पुलिस कमिश्नरेट सेक्टर-108 में आयोजित किया गया, जहां सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह, दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी और नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम , गौतम बुध नगर जिला अधिकारी मनीष वर्मा भी उपस्थित रहे।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था में बड़े सुधार हुए हैं और अब कोई बड़ा माफिया प्रदेश में सक्रिय नहीं है। हालांकि, अब ऐसे माफिया उभर रहे हैं जो प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर गठजोड़ बनाकर लोकतांत्रिक संस्थाओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस भर्ती में पारदर्शिता : DGP प्रशांत कुमार
डीजीपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 50 वर्षों के बाद पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया गया, जिसे सात चरणों में लागू किया गया। 2017 में पुलिस विभाग में ढाई लाख पद रिक्त थे, लेकिन पिछले आठ वर्षों में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत अधिकांश पद भरे गए हैं और अब केवल 50 हजार रिक्तियां शेष हैं, जिनकी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कोविड-19 और महाकुंभ में पुलिस की भूमिका
महानिदेशक ने कोविड-19 महामारी के दौरान पुलिस के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि पुलिस ने ‘ड्यूटी बिफोर सेल्फ’ की भावना के साथ काम किया और जरूरतमंदों तक दवाइयां, दूध और सब्जियां पहुंचाने में मदद की। इसके अलावा, विदेशों में बसे लोगों के परिजनों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी भी पुलिस ने निभाई।
महाकुंभ के दौरान पुलिस ने बिना किसी बड़े उपकरण के केवल रस्सी, सीटी और लाउड हेलर की मदद से 45 दिनों में 66 करोड़ श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान करवाया।
यूपी 112 सेवा में सुधार
डीजीपी ने कहा कि 2017 में यूपी 112 सेवा का औसत रिस्पांस टाइम 30 मिनट था, जिसे अब घटाकर 8 मिनट कर दिया गया है। अधिक गाड़ियों को सेवा में शामिल किया गया और कॉल रिसीविंग क्षमता को बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 16 महीनों में 89,000 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई, जिनमें से 65 को मृत्युदंड दिया गया। महिलाओं से जुड़े अपराधों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सबसे अधिक सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है।
‘भाषणीय ऐप’ का पायलट प्रोजेक्ट और ड्रग्स के खिलाफ अभियान
नोएडा में ‘भाषणीय ऐप’ को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा, जिससे विभिन्न भाषाओं में संवाद आसान होगा। डीजीपी ने शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर भी जोर दिया और समाज से पुलिस का सहयोग करने की अपील की।उन्होंने कहा कि पुलिसिंग में सुधार की हमेशा गुंजाइश रहती है और इसे और बेहतर बनाने के लिए प्रयास लगातार जारी रहेंगे।