:- ‘साइट4ऑल’ पहल से दिल्ली-एनसीआर और यूपी में वंचितों की आंखों में लौटेगी रोशनी।
:- हर साल 60 हजार मरीजों को लाभ।
न्यूज़ डायरी,नई दिल्ली।
विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर राजधानी में कॉग्निज़ेंट फाउंडेशन इंडिया (CFI) और डॉ. श्रॉफ्स चैरिटी आई हॉस्पिटल (SCEH) ने वंचित समुदायों की आंखों में नई रोशनी भरने का संकल्प लिया है। दोनों संस्थानों ने ‘साइट4ऑल: समय पर नेत्र देखभाल के माध्यम से जीवन को सशक्त बनाना’ नामक संयुक्त कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य उन लोगों तक गुणवत्तापूर्ण नेत्र सेवाएं पहुंचाना है जो आर्थिक या सामाजिक कारणों से इनसे वंचित रह जाते हैं। कॉग्निज़ेंट फाउंडेशन इंडिया के सीईओ दीपक प्रभु ने कहा कि “फाउंडेशन के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हम दृष्टि देखभाल के क्षेत्र में तकनीक और जागरूकता के माध्यम से बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दृष्टि जीवन का अमूल्य उपहार है, और इसे बचाना हमारी साझा जिम्मेदारी है।”
दिल्ली में बढ़ती नेत्र देखभाल की मांग को देखते हुए कॉग्निज़ेंट फाउंडेशन ने डॉ. श्रॉफ्स चैरिटी आई हॉस्पिटल के तृतीयक अस्पताल परिसर में एक नया आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह ओपीडी हर साल लगभग 60,000 मरीजों को परामर्श और उपचार सेवाएं प्रदान करेगा, जिनमें 5,000 से अधिक सर्जरी और 8,000 जांचें शामिल होंगी। इनमें से लगभग आधी सेवाएं निःशुल्क या रियायती दरों पर दी जाएंगी। अस्पताल के सीईओ डॉ. उमंग माथुर ने बताया कि इस पहल से हजारों बच्चों को पहली बार समय पर नेत्र देखभाल मिल सकी है। तुगलकाबाद और जहांगीरपुरी जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सामुदायिक नेत्र जांच अभियानों के तहत अब तक 3 लाख से अधिक बच्चों की जांच की जा चुकी है, जिनमें हजारों को मुफ्त चश्मे और सर्जरी का लाभ मिला है। इससे बच्चों के आत्मविश्वास और शिक्षा दोनों में सुधार हुआ है।
रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्योरिटी (ROP) परियोजना के तहत पिछले एक वर्ष में दिल्ली-एनसीआर और मथुरा के अस्पतालों में 2,300 से अधिक समयपूर्व जन्मे शिशुओं की आंखों की जांच की गई, जिनमें से 367 नवजातों की दृष्टि नि:शुल्क उपचार से सुरक्षित की जा सकी। साथ ही, एलाइड ऑफ्थैल्मिक पैरामेडिक (AOP) कार्यक्रम के माध्यम से 80 से अधिक वंचित वर्ग की युवा महिलाओं को नेत्र चिकित्सा में प्रशिक्षित किया गया है, जबकि 100 से अधिक महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। यह पहल उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि समाज में बदलाव की प्रेरणा भी दे रही है। इस तरह कॉग्निज़ेंट फाउंडेशन और श्रॉफ आई हॉस्पिटल की साझेदारी यह साबित कर रही है कि सामूहिक प्रयास, तकनीकी नवाचार और संवेदनशीलता के साथ अंधेपन जैसी चुनौती का समाधान संभव है — क्योंकि “दृष्टि है तो भविष्य है।”