Noida News : कूड़ाघरों से पार्क बने, अब फिर से कूड़े में हो रहें तब्दील!

✍️योगेश राणा


  • :- जिम्मेदार कौन? पार्कों में फैली गंदगी पर सख्त सवाल
  • :- सीईओ लोकेश एम की सख्ती के बाद भी अधिकारी क्यों कर रहे खानापूर्ति?

न्यूज़ डायरी, नोएडा

नोएडा प्राधिकरण (New.Okhla.Industrial. Development.Authority) द्वारा शहर को साफ एवं स्वच्छ बनाने के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। एक कहावत है कि “तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है”एक तरफ सौंदर्यता एवं स्वच्छता के लिए नोएडा प्राधिकरण को पुरस्कार मिल रहे हैं तो दूसरी तरफ नोएडा प्राधिकरण के अफसरों का निखट्टूपन शहरवासियों पर भारी पड़ रहा है। हमारे बड़े बुजुर्ग एक कहावत कहां करते थे कि “ढाक के तीन पात” कहीं ना कहीं यह कहावत प्राधिकरण के अधिकारियों पर एकदम सही बैठती नजर आ रही है।

350 पार्क बने थे शहर की शोभा, अब हो रही अनदेखी?

नोएडा विकास प्राधिकरण के मुखिया सीईओ लोकेश एम लगातार शहर में जगह-जगह भ्रमण कर रहे हैं साथ ही लापरवाह कर्मचारीयों व अफसरों पर कड़ा एक्सन भी ले रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी प्राधिकरण के अफसरों पर असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है और वही शहर को साफ एवं स्वच्छ तथा सौंदर्य बनाने के लिए प्राधिकरण की तरफ से पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है लेकिन प्राधिकरण के अफसरों की निगाहें उन कृत्रिम पार्क पर नहीं पड़ रही है जिन्हें खुद कभी प्राधिकरण ने ही बनाया था। नोएडा प्राधिकरण ने शहर में जगह-जगह लगभग 350 कूड़ाघरों को विलोपित करके कृत्रिम पार्क बनाया थे। अगर हम इन कृत्रिम पार्क की बात करें तो यह पार्क ज्यादातर शहर के बीचों बीच बनें हुए हैं जिस पर आते जाते आम से लेकर खास हर व्यक्तियों की नजर एक बार अवश्य पड़ती ही होगी लेकिन आज इन पार्कों की दुर्दशा कुछ ऐसी है कि इन पार्कों में लगे पेड़ पौधों को तो जानवरों ने खा लिया या फिर गमले सहित पौधों को लोगों ने चुरा लिया लेकिन बड़ा सवाल खड़ा होता है कि इन पार्कों की दुर्दशा प्राधिकरण के अफसरों क्यों नहीं दिखाई देता या प्राधिकरण के अफसर की मंशा ही नहीं है इन कृत्रिम पार्कों को देखने की।

कभी शहर की हुआ करते थे पहचान लेकिन अब फिर बन गए कूड़ेदान।

शहर के कूड़ाघरों को विलुप्त करके शहर में जगह-जगह कृत्रिम पार्क बनाने का श्रेय पूर्व सीईओ रितु माहेश्वरी को जाता है क्योंकि कूड़ा घरों को विलुप्त करके कृत्रिम पार्क बनाने की योजना को पूर्व सीईओ ने ही जमीन पर उतारा था और इन्हीं के कार्यकाल में नोएडा के सौंदर्यकरण का कार्य हुआ था। इनके रहते हुए ही इस योजना पर पूरा का पूरा ध्यान दिया जा रहा था मगर उनके ट्रांसफर हो जाने के साथ ही उद्यान विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया है और अब यह पार्क पुनः कूड़ा घर बनने की राहा पर हैं। अब यह कूड़ा घर शहर वासियों के लिए परेशानी का सबक बन गए हैं।

सवाल वहीं है कि आखिर जिम्मेदार कौन-?