दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख

✍️ योगेश राणा

:- स्कूलों की खेल प्रतियोगिताएं टालने पर CAQM को विचार करने का निर्देश

न्यूज़ डायरी, नई दिल्ली।

प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्ली-एनसीआर इलाके में सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दिया है कि नवंबर और दिसंबर में निर्धारित स्कूलों की खेल प्रतियोगिताएं स्थगित करने पर विचार किया जाए। पीठ के मुताबिक, मौजूदा हालात बच्चों के लिए बेहद असुरक्षित हैं, ऐसे माहौल में उन्हें खेल गतिविधियों में शामिल करना ‘गैस चैंबर’ में भेजने जैसा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली वाले एयर प्यूरीफायर चालू रखकर बंद कमरों में बैठे हैं, लेकिन बच्चे खुले मैदानों में जहरीली हवा के बीच खेल रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी खेल प्रतियोगिताओं को अपेक्षाकृत सुरक्षित महीनों में करा जाए।

पिछले दिनों पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली-एनसीआर के राज्यों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर प्रदूषण रोकने के तात्कालिक और दीर्घकालिक उपायों की समीक्षा की। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रदूषण के चरम पर ही नहीं, बल्कि लगातार, हर महीने बेलगाम प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों पर समीक्षा होनी चाहिए और मुख्य याचिका एक बार सूचीबद्ध रहनी चाहिए।

इसके अलावा एनसीआर के राज्यों—दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को निर्देश दिए गए कि वे मजदूरों के निर्वाह भत्ते पर रिपोर्ट तैयार करें और अदालत को सूचित करें।

पराली जलाने की समस्या पर भी कोर्ट सख्त रहा। अदालत ने पंजाब और हरियाणा को CAQM के निर्देशों का ईमानदारी से पालन और संयुक्त बैठक कर समाधान लागू करने को कहा। अगर सुझावों का सही तरीके से अमल होता है, तो पराली प्रदूषण पर प्रभावी रोक संभव है।

GRAP स्टेज और नियम (2025 की ताजा स्थिति)वर्तमान में पूरे दिल्ली-एनसीआर में GRAP-3 लागू है। CAQM ने ग्रैप-4 लागू होने की अफवाहों को पूरी तरह गलत बताया और स्पष्ट किया कि फिलहाल तीसरे चरण के ही नियम प्रभावी हैं

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के अनुसार प्रदूषण स्तर की श्रेणियां

GRAP: प्रदूषण नियंत्रण के चरणवार नियम