✍️ योगेश राणा
:- झुग्गीवासियों का दर्द: आठ महीने बाद भी अधर में पुनर्वास योजना
न्यूज़ डायरी,नोएडा।
नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्ण करुणेश एवं अखिल भारतीय सफाई मजदूर गरीब स्थान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र प्रधान के बीच बुधवार को प्रतिनिधिमंडल बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय सचिव सतपाल गुरुजी, कपिल गुर्जर, भूरा गुर्जर, संजय वाल्मीकि और राहुल वाल्मीकि भी मौजूद रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य सेक्टर-115 सीवर हादसे में मृतक कर्मचारियों के परिवारों को न्याय दिलाना और सेक्टर-78 की झुग्गियों के पुनर्वास की मांग उठाना रहा। रविंद्र प्रधान ने अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के समक्ष स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार मृतक कर्मचारियों के परिजनों को 30 लाख रुपये का मुआवजा, प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी और पीड़ित परिवारों को मैनुअल स्कैवेंजिंग की श्रेणी से जोड़ा जाना अनिवार्य है। इस पर अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्ण करुणेश ने सहमति जताते हुए कहा कि प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन करेगा और पीड़ित परिवारों को पूरा मुआवजा व न्याय दिलाने का प्रयास करेगा।
रविंद्र प्रधान ने बताया
बैठक में सेक्टर-78 की झुग्गियों में रह रहे परिवारों के पुनर्वास का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठा, जहां यूनियन अध्यक्ष ने बताया कि डेढ़ महीने तक चले धरने के बाद जिलाधिकारी और प्राधिकरण ने आश्वासन दिया था कि सेक्टर-122 में बनी फ्लैट योजना के तहत झुग्गीवासियों का पुनर्वास किया जाएगा, यहां तक कि सभी झुग्गीवासी योजना के अंतर्गत फ्लैट की कीमत देने के लिए भी तैयार हैं। बावजूद इसके 8 माह बीत जाने के बाद भी पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई और झुग्गी परिवार नारकीय परिस्थितियों में जीने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं, प्राधिकरण की ओर से बार-बार झुग्गियों में ध्वस्तीकरण नोटिस चिपका दिए जाते हैं, जिससे परिवारों में दहशत और भय का माहौल है। हाल ही में प्राधिकरण ने 24 अगस्त 2025 को झुग्गी ध्वस्तीकरण का नया नोटिस जारी किया है। इस पर रविंद्र प्रधान ने साफ चेतावनी दी कि यदि 24 अगस्त से पहले सभी परिवारों का सेक्टर-122 में स्थानांतरण नहीं किया गया तो यूनियन धरना देने के लिए बाध्य होगी। उन्होंने कहा कि बिना पुनर्वास किसी भी गरीब को हटाना अन्याय होगा और संगठन इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।