Noida News : नोएडा में GST अधिकारी रिश्वत लेते पकड़ा गया | जानिए पूरा मामला।

:-GST विभाग के अधिकारी सतेंद्र बहादुर सिंह रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार।

:- नोएडा में भ्रष्टाचार का बड़ा भंडाफोड़, विभाग में मचा हड़कंप!

नोएडा। नोएडा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है, जिसमें जीएसटी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई मेरठ सतर्कता अधिष्ठान की टीम द्वारा 19 मई को अंजाम दी गई, जिसने पूरे नोएडा क्षेत्र में हलचल मचा दी है।

45,000 की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए अधिकारी

जानकारी के अनुसार, नोएडा स्थित जीएसटी कार्यालय में तैनात अधिकारी सतेंद्र बहादुर सिंह को 45,000 की रिश्वत लेते समय रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। यह रकम एक पुराने लंबित मामले के निपटारे के नाम पर मांगी गई थी। सतर्कता विभाग की योजना के तहत यह कार्रवाई की गई, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोपी अधिकारी को जैसे ही रिश्वत सौंपी, टीम ने तत्काल उसे पकड़ लिया।

2016 से लंबित मामले में मांगी गई थी रिश्वत

शिकायतकर्ता ने बताया कि वह वर्ष 2016 से “रामटेक” नामक एक फर्म का संचालन कर रहा है, जो ग्राम सल्लापुर, नोएडा में स्थित है और कंप्यूटर रिपेयरिंग का कार्य करती है। तकनीकी कारणों से वर्ष 2016-17 और 2017-18 का जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया जा सका, जिससे 4,55,840 रुपये का कर बकाया हो गया था। इसी मामले के समाधान के लिए अधिकारी ने 45,000 रूपये की मांग की थी।

मिली जानकारी के मुताबिक जब शिकायतकर्ता जीएसटी कार्यालय पहुंचा तो अधिकारी सतेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि यदि वह 45,000 रूपये नहीं देगा, तो उसे पूरा कर जमा करना होगा और किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जाएगी। यह स्पष्ट रूप से एक दबाव बनाकर रिश्वत वसूलने का मामला था।

बैंक खातों और लेन-देन से जुड़े साक्ष्य जब्त

सतर्कता विभाग की जांच के दौरान यह भी सामने आया कि अधिकारी ने रिश्वत की रकम एक विशेष बैंक खाते में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए थे। उक्त बैंक खाते की ट्रांजैक्शन डिटेल्स और अन्य दस्तावेज भी जब्त कर लिए गए हैं, जो आगे की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

गिरफ्तारी के बाद सतेंद्र बहादुर सिंह पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

इस घटना के बाद नोएडा क्षेत्र में जीएसटी विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। कहा जा रहा है कि कई अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं।