✍️ योगेश राणा
:- SIR प्रक्रिया का नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं: अफवाहों से बचें—सीईओ
न्यूज़ डायरी, नोएडा
उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत चुनाव आयोग ने मतदाताओं को दो-दो स्थानों से गणना प्रपत्र (फॉर्म) भरने से सख्त मना किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसा करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 के तहत एक वर्ष तक की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है।ऐसे में अगर गांव या शहर और दो-दो राज्यों की मतदाता सूची में नाम है तो भी वह सिर्फ एक जगह से ही गणना प्रपत्र भरकर जमा करें।
SIR को लेकर क्या कुछ बोले उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी!
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने बताया कि चुनाव आयोग दो-दो जगह से गणना प्रपत्र भरकर जमा करने वालों को आसानी से पकड़ लेगा।
इसको लेकर के चुनाव आयोग ने डिजिटल माध्यम से फूल
प्रूफ तैयार कर रखी है। ऐसे में अगर आप अपने पुश्तैनी गांव में मतदाता बनकर वोट डालना चाहते हैं तो वहां से फॉर्म भरकर जमा करें या फिर शहर में जहां पर वर्तमान में
निवास कर रहे हैं वहां से फॉर्म भरें। बीते 27 अक्तूबर को मतदाता सूची फ्रीज की गई है। वर्तमान में इस मतदाता सूची में जिसका जहां नाम है, वहीं से फॉर्म भरें। अगर यूपी का रहने वाला कोई व्यक्ति दूसरे राज्य मुंबई, दिल्ली या फिर अन्य राज्य में रह रहा है और वहां वोटर है तो फिर वह यहां गणना प्रपत्र न भरे। क्योंकि एसआईआर मतदाता सूची से मृत व्यक्तियों के नाम बाहर करने व जिन मतदाताओं के दो-दो जगह नाम हैं उनके नाम एक जगह से हटाने इत्यादि के लिए किया जा रहा है, सीईओ ने अधिक जानकारी देते हुए बताया है कि गणना प्रपत्र में ऊपर के हिस्से में मतदाता को अपना फोटो लगाना है, माता-पिता का नाम और मोबाइल नंबर आदि भरना है। नीचे के हिस्से में एसआईआर 2003 की जानकारी भरनी है। बांयें हिस्से में अगर मतदाता उस समय सूची में स्वयं शामिल था तो उसकी जानकारी और अगर उस समय उसका नाम नहीं था तो दाहिने हिस्से में वह अपने माता-पिता, दादा-दादी व नाना-नानी इन छह लोगों में से किसी एक की एसआईआर 2003 की जानकारी भर सकता है। उदाहरण के लिए अगर आप उस समय दिल्ली में रह रहे थे तो ऑनलाइन मतदाता सूची से अपना इपिक नंबर सहित डिटेल भरें। जो उस समय जहां था वहीं की डिटेल भरेगा। वर्ष 2003 की मतदाता सूची voters.eci.gov.in पर उपलब्ध है और वहीं ईसीआई नेट एप पर भी जानकारी भर सकते हैं। चार दिसंबर तक बीएलओ गणना प्रपत्र मतदाताओं से भरवाकर जमा करेंगे। प्रदेश में कुल 15.44 करोड़ मतदाता हैं और इसमें से 70 प्रतिशत का नाम या तो खुद 2003 की मतदाता सूची में है या फिर उनके माता-पिता का। ऐसे में इनकी मैपिंग वर्तमान मतदाता सूची से की जा रही है। आयोग ने दावा किया है कि अभी तक 50 प्रतिशत मैपिंग का काम हो चुका है।
बीएलओ से सीधा संपर्क : बुक अ कॉल सुविधा सक्रिय
चुनाव आयोग ने मतदाताओं की शिकायतों के निस्तारण के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। बुक अ कॉल विद बीएलओ की सुविधा पोर्टल के माध्यम से उठाई जा सकती है। अगर बीएलओ 48 घंटे में समस्या का समाधान नहीं करते हैं तो फिर उनकी शिकायत टोल फ्री नंबर 1950 पर करें। यही नहीं ईआरओ या फिर जिला निर्वाचन अधिकारी इत्यादि से भी कर सकते हैं। बीएलओ से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
आधार लिंक मोबाइल नंबर तो ऑनलाइन भरें फॉर्म
सीईओ ने बताया कि गणना प्रपत्र अगर ऑफलाइन भर रहे हैं तो उसके लिए तो आधार वैकल्पिक है। वहीं अगर आप ऑनलाइन गणना प्रपत्र भरना चाहते हैं तो फिर आधार लिंक मोबाइल नंबर होना आवश्यक है। क्योंकि ई साइन के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाएगा। आधार कार्ड व मतदाता कार्ड में आपके नाम की स्पेलिंग भी एक ही होनी चाहिए। अब तक 70 हजार मतदाताओं ने ऑनलाइन फॉर्म भरा है।
नागरिकता पर भ्रम न फैलाएं : सीईओ
सीईओ नवदीप रिणवा ने कहा कि इस अभियान का नागरिकता से कोई संबंध नहीं है। मतदाता सूची में नाम न होने से नागरिकता प्रभावित नहीं होती। SIR का उद्देश्य केवल शुद्ध और सटीक मतदाता सूची तैयार करना है। उन्होंने जनता से आयोग को सहयोग करने की अपील की।