नोएडा। एक बैंक कर्मचारी और उसके साथियों ने एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल की विधवा को निवेश के बहाने 1.03 करोड़ रुपये ठग लिए। पुलिस ने बैंक के सीईओए, परिचालन प्रबंधक और चार अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला
सेक्टर-74 स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी निवासी 74 साल के अमिता चतुर्वेदी ने बताया कि उनके पति वीके चतुर्वेदी का निधन हो चुका है। वह सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल थे। पुलिस को दी शिकायत में बुजुर्ग महिला ने बताया कि सेवानिवृत होने के बाद जिंदगी अच्छे से कटे इसके लिए उनके पति ने कुछ एफडी और दूसरे निवेश किए थे। मै’योर होने के बाद राशि जब उनके खाते में आई तो आशीष नाम के व्यक्ति ने कॉल कर उन्हें रकम निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने की सलाह दी। निवेश से होने वाले मुनाफे के संबंध में आरोपी ने कर्नल और उनकी पत्नी को सिलसिलेवार तरीके से जानकारी दी थी। हामी भरने के बाद आरोपी उनके पास चेक लेकर गया और निवेश संबंधी सूची दी। हालांकि इस संबंध में शिकायतकर्ता को कोई दस्तावेज नहीं दिया गया। 21 मार्च को शिकायतकर्ता महिला इस संबंध में जानकारी करने के लिए बैंक पहुंची तो पता चला कि उसके रुपए कहीं निवेश नहीं किए गए थे। इस मामले में उन्होंने बैंक में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कई दिन तक महिला बैंक के चक्कर काटती रहीं। आरोपी निवेश के नाम पर महिला से चेक लेता था। जिसमें उसने कुछ चेक ब्लैंक तो कुछ अपनी पत्नी कृतिका प्रसाद के नाम पर लिए। आरोपी ने शिकायतकर्ता महिला का विश्वास जीतने के लिए बीच में एक बार 2 लाख 25 हजार रुपए का मुनाफा भी दिखाया था। आरोपी ने निवेश के नाम पर रुपए लेकर उसे पत्नी के खाते में फर्जी तरीके से डाला। पीडि़ता का आरोप है कि इतनी बड़ी धोखाधड़ी बिना वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से नहीं हो सकती है। आरोपी आशीष ने महिला को कई बैंक की क्विटी में निवेश के पेपर भी दिए थे। इस मामले में अब आशीष चंद्रा, उनकी पत्नी कृतिका प्रसाद, विकास गुप्ता, अनुभव सिन्हा, निजी बैंक के परिचालन प्रबंधक और निजी बैंक के सीईओ के खिलाफ धोखाधड़ी समेत तीन धाराओं में केस दर्ज हुआ है। मुख्य आरोपी निजी बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर है।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इतनी बड़ी धोखाधड़ी बिना बैंक अधिकारियों की मिलीभगत के संभव नहीं थी।