विधायकों को रामलला के दर्शन से रोका,सिर्फ कांग्रेस व एनसीपी नेताओं से मिलते थे मुख्यमंत्री

:- चिट्ठी जारी कर खोली उद्धव सरकार की पोल 

महाराष्ट्र :- महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच एकनाथ शिंदे ने एक पत्र जारी कर बागी विधायकों की भावनाओं को सार्वजनिक किया है। इस लेटर बम से महाराष्ट्र की सियासत में एक नया मोड़ आ गया है। ये चिट्ठी शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी है। जिसे पार्टी के बागी खेमे के नेता एकनाथ शिंदे ने जारी किया है। 

चिट्ठी में लिखी गम्भीर बातें

औरंगाबाद वेस्ट से शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने लिखा है कि “पूरे देश ने विधानसभा परिषद का नतीजा देखा। आपके दफ्तर कभी जाने का हमें सौभाग्य नहीं मिला, हमारी कभी सुनवाई नहीं हुई। वर्षा बंगले के बाहर बैठने के बाद कई बार निराश होकरबैठना पड़ा। विधायक ने आगे लिखा कि एनसीपी की तरफ से हो रहे अपमान की बात लेकर कहीं जा पाते थे तो वो एकनाथ शिंदे के पास जा पाते थे, 

चिट्ठी में बागी विधायक ने आरोप लगाया है कि “हमें राम लला के दर्शन नहीं करने दिए गए, हमें मुख्यमंत्री के बंगले ‘वर्षा’ में प्रवेश नहीं मिलता था, कांग्रेस एनसीपी के लोग आराम से जाकर मिल लेते थे। लोग हमसे पूछते थे आप काम कैसे कर रहे हैं, उद्धव से मिल पाते हैं क्या, बालासाहेब और दीघे के विचार एकनाथ शिंदे के साथ, इसलिए हमने उनका साथ दिया। हमारे सवालों का जवाब आपके कल के संबोधन में नहीं था।

चापलूसों से घिरे थे मुख्यमंत्री

नेताओं का कहना है कि सीएम से मुलाकात के लिए करीबियों से संपर्क साधना पड़ता है। उन्होंने लिखा, ‘आपने जब वर्षा को छोड़ा तो काफी भीड़ वहां दिखाई दी। अच्छा हुआ कि पहली बार इस बंगले के दरवाजे आम लोगों के लिए भी खोले गए। पिछले ढाई साल से इस बंगले के दरवाजे बंद थे। विधायक होकर भी हमें आपसे मिलने के लिए आपके करीबियों के आगे-पीछे घूमना पड़ता है। हिंदुत्व, अयोध्या और राम मंदिर शिवसेना के मुद्दे हैं, लेकिन हमें रोक दिया गया। कई विधायकों को खुद उद्धव ठाकरे ने ही अयोध्या जाने से रोक दिया।

उद्धव का जाना तय

 ताजा जानकारी के मुताबिक शिवसेना के कुल 55 विधायकों में से सिर्फ 16 विधायक अब सीएम ठाकरे के खेमे में हैं। ऐसे में पार्टी में खलबली मची हुई है। इस बीच विधायकों के साथ-साथ अब सांसद भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में आते दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों में मुताबिक 17 सांसद एकनाथ शिंदे के सम्पर्क में हैं।

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