एलजी के झटके के बाद केंद्र पर बिफरे केजरीवाल
एलजी ने की है एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच की सिफारिश
नई दिल्ली :- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और यहां के उपराज्यपाल(एलजी) वी के सक्सेना के बीच तल्खियां बढ़ती ही जा रही हैं। अभी एलजी द्वारा केजरीवाल के सिंगापुर दौरे पर रोक वाले झटके से आप नेता उभरे भी नहीं थे कि अब एलजी ने दिल्ली सरकार द्वारा लाई गई नई एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दिल्ली सरकार की नींद उड़ा दी है। नतीजा ये है कि केजरीवाल ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर इस मामले में एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधते हुए सावरकर की एंट्री करा दी है।
क्या बोले केजरीवाल:

शुक्रवार को अपना बयान जारी करते हुए केजरीवाल ने कहा कि केंद्र द्वारा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फंसाने की कोशिश की जा रही है। एक झूठे केस में फंसाकर ये लोग सिसोदिया को जेल भेज आम आदमी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश में जुटे है। इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि मैंने कुछ महीने पहले ही इस बात की आशंका जता दी थी,लेकिन हमारी पार्टी का कोई भी नेता जेल जाने से नहीं डरता। अगर तुम लोग सावरकर की औलाद हो तो हम भी भगत सिंह की औलाद हैं। सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी,। हम भगत सिंह की तरह फांसी पर झूल सकते है,लेकिन तुम्हारे आगे झुक नहीं सकते। केजरीवाल ने सिसोदिया का बचाव करते हुए कहा कि वो उन्हें 20 वर्षों से जानते हैं। सिसोदिया जितना कट्टर ईमानदार और देशप्रेमी दूसरा नहीं देखा। अब सीबीआई को आगे कर हमारी साफ छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
इसके पीछे बताए तीन कारण:
केजरीवाल ने केंद्र द्वारा आप को निशाना बनाने की बात कह इसके पीछे तीन कारण गिनाए। पहला पार्टी की ईमानदार छवि, दूसरा पंजाब में प्रचंड जीत के बाद देश भर में बढ़ता जनाधार और तीसरा दिल्ली में आप सरकार द्वारा किए विकास मॉडल। केजरीवाल ने कहा कि हमारी पार्टी की साफ छवि पर कीचड़ उछालने के लिए ये लोग रात दिन षडयंत्र कर रहे हैं,लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं।
एलजी ने गृह मंत्रालय से की है सिफारिश:
दरअसल उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच के लिए गृह मंत्रालय से सिफारिश की है। बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद एलजी ने यह कदम उठाया है। सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में कई नियमों की अनदेखी के साथ साथ लाइसेंस बांटने में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बाबत इसी महीने दिल्ली के मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिस पर यह फैसला लिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली नजर में जिएनसीटीडी ऐक्ट 1991, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स -1993 और दिल्ली एक्साइज ऐक्ट-2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन पाया गया है। बता दें कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ही सम्बंधित मंत्रालय भी देखते हैं।