Conflict between Delhi government and LG over excise policy : आबकारी नीति पर दिल्ली सरकार और एलजी में घमासान

एलजी ने किए 11 आबकारी अधिकारी निलंबित तो सिसोदिया ने सीबीआई से की एलजी की शिकायत 

नई दिल्ली :- दिल्ली में आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी के बीच का विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। शनिवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलजी पर निशाना साधा और सीबीआई से शिकायत कर जांच की मांग की,तो वहीं एलजी ने 11 आबकारी अधिकारी सस्पेंड कर दिए। जिनमें पूर्व आबकारी कमिश्नर आरव गोपी कृष्ण (आईएएस) भी शामिल है। 

सस्पेंड कर कार्यवाही के लिए विजिलेंस को दी मंजूरी:

दिल्ली के एलजी वी के सक्सेना

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति पर विजिलेंस रिपोर्ट के बाद आबकारी नीति में घोटाले के आरोप में आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन आबकारी आयुक्त दानीक्स आनंद कुमार तिवारी सहित 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई आबकारी नीति को लागू करने में हुई चूक को लेकर की गई है। उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की विजिलेंस को मंजूरी दे दी है।

सिसोदिया ने भी खोला मोर्चा:

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

दूसरी तरफ इस कार्यवाही से पहले शनिवार सुबह  उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत ‘हजारों करोड़ रुपए’ का नुकसान हुआ है। इसके लिए उन्होंने एलजी पर आरोप लगाते हुए सिसोदिया ने कहा कि अब वे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग कर रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि पहली बार तत्कालीन एलजी अनिल बैजल ने कुछ सुझावों और बदलावों के साथ फाइल वापस भेजी थी, जिसे दिल्ली सरकार ने शामिल किया था। डिप्टी सीएम ने कहा, ‘एलजी द्वारा सुझाए गए आवश्यक बदलाव करने के बाद, फाइल को नवंबर के पहले हफ्ते में दूसरी बार भेजा गया था। नई नीति को 17 नवंबर से लागू किया जाना था और एलजी ने लॉन्च से ठीक 48 घंटे पहले 15 नवंबर को फाइल वापस कर दी और हमें इसमें एक बड़ा बदलाव करने के लिए कहा। एलजी ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों में शराब की दुकानों को अनुमति देने के लिए हमें दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और नगर निगम से अनुमति लेनी होगी।’इस वजह से, दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि अनधिकृत कॉलोनियों में खुलने वाली करीब 300-350 दुकानें नई व्यवस्था के तहत कभी नहीं खुल सकीं। नतीजतन, दिल्ली में शराब की दुकानें खोलने में कामयाब रही कुछ कंपनियों ने भारी मुनाफा कमाया, जबकि अन्य को नुकसान हुआ। नई आबकारी नीति का प्राथमिक उद्देश्य शराब की दुकानों के असमान वितरण को समाप्त करना था, जो एलजी के निर्णय की वजह से कभी नहीं हो सका।’ एलजी के अचानक बदलाव का कारण कुछ निजी कंपनियों या व्यक्तियों को जानबूझकर लाभ पहुंचाना हो सकता है।

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