Troubled by bus conductor, female marshal tried to commit suicide : बस कंडक्टर से परेशान महिला मार्शल ने आत्महत्या की कोशिश

महिला आयोग ने लिया संज्ञान

नई दिल्ली:- निर्भया कांड के बाद दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली की बसों में महिला बस मार्शल की तैनाती की, लेकिन हालात यह हैं कि बस में तैनात महिला मार्शल खुद ही सुरक्षित नहीं हैं। दिल्ली की एक घटना से तो यही साबित हो रहा है। दरअसल दिल्ली के केशव पुरम में एक महिला मार्शल ने बस कंडक्टर पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या की कोशिश की। इस घटना पर अब महिला आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। फिलहाल पीड़ित महिला मार्शल इस वक्त अस्पताल में भर्ती है।

बताया जाता है कि15 जुलाई को केशव पुरम पुलिस थाने में एक पीसीआर कॉल रिसीव हुई थी। जिसमें पीड़िता ने यह बताया था कि सुभाष प्लेस बस डिपो (वजीरपुर बस डिपो) में उसके सहयोगी द्वारा उसके साथ दुर्व्यवहार शारीरिक हमला किया गया है। इस घटना की सूचना के तुरंत बाद ही पुलिस मौके पर पहुंची थी और वहां पर एक 23 साल की महिला जो कि डीटीसी बस में मार्शल के रूप में काम कर रही थी,ने बस में ही अपने सहयोगी सचिन कौशिक पर छेड़खानी का आरोप लगाया था।

पुलिस के अनुसार दोनों पक्षों से पूछताछ की गई। जिसमें पीड़िता ने बताया था कि आरोपी सचिन कौशिक के ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया था, उसे धक्का दिया था। हालांकि इस मामले में शिकायतकर्ता और आरोपी के बीच में कथित तौर पर समझौता हो गया था, और आरोपी ने माफी मांग ली थी। जिसमें पीड़िता ने इस मामले में कोई भी कानूनी कार्रवाई करने से मना कर दिया था। हालांकि 5 अगस्त को महिला द्वारा की गई आत्महत्या की कोशिश के बारे में पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है। अब ये मामला एक बार फिर सामने आने के बाद ही केशव पुरम पुलिस थाने की पुलिस ने पीड़िता से संपर्क करने की कोशिश की है, जिसके आधार पर इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

महिला आयोग ने डीटीसी को जारी किया नोटिस:

 इस मामले को लेकर पीड़िता ने दिल्ली महिला आयोग में शिकायत की है। जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए दिल्ली परिवहन निगम और दिल्ली पुलिस को एक नोटिस जारी किया है। आयोग का कहना है कि पीड़िता ने इस मामले में दिल्ली पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस ने कोई एफ आई आर दर्ज नहीं की और ना ही इस मामले में कोई कार्रवाई की गई। इतना ही नहीं पीड़िता का कहना है कि उसने दिल्ली परिवहन निगम के उच्च अधिकारियों से भी संपर्क किया, लेकिन उन्होंने भी इस मामले में उसकी कोई मदद नहीं की। आयोग ने अब दिल्ली परिवहन निगम और दिल्ली पुलिस को इस मामले में नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की मांग की है, आयोग ने दिल्ली पुलिस से मामले में दर्ज की गई एफआईआर और गिरफ्तार किए गए आरोपियों की जानकारी मांगी है। 

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