‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपनों पर बैंक का हथौड़ा ! कारोबारी का दर्द लगाए गंभीर आरोप।

:- दीप नारायण गोयल बोले – बैंक अधिकारियों ने रचा षड्यंत्र, चौपट हुआ कारोबार

न्यूज़ डायरी,नोएडा।

एक ओर जहाँ केंद्र सरकार “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” जैसे अभियानों के जरिए लघु उद्योगों को प्रोत्साहन दे रही है, वहीं दूसरी ओर बैंक अधिकारियों की मनमानी और षड्यंत्र ने एक उद्योगपति का पूरा कारोबार चौपट कर दिया। ऐसा आरोप है लघु उद्योग कारोबारी दीप नारायण गोयल का दरअसल शनिवार को नोएडा मीडिया क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में लघु उद्योग कारोबारी दीप नारायण गोयल ने अपना दर्द साझा करते हुए आरोप लगाया कि इंडियन बैंक के अधिकारियों ने षड्यंत्र रचकर उनकी 14 वर्षों से लगातार प्रगति कर रही कंपनी को बर्बाद कर दिया।

प्रेस वार्ताओं के दीप नारायण गोयल ने बताया कि उनकी कंपनी विभिन्न प्रकार के रिमोट बनाने का काम करती थी और उनका क्रेडिट इतिहास भी अच्छा रहा है। बावजूद इसके बैंक अधिकारियों ने वकीलों, मूल्यांकनकर्ताओं और अन्य लोगों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर डीआरटी न्यायालय में प्रस्तुत किए। गोयल ने आरोप लगाया कि उन्हें बैंक बदलने के लिए प्रलोभन दिया गया और 10 करोड़ की सुविधा का झूठा आश्वासन देकर गुमराह किया गया।

दीप नारायण गोयल का आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने स्वीकृत निधि को देर से जारी किया, जिससे नकदी संकट उत्पन्न हुआ और दोहरी ईएमआई का बोझ बढ़ गया। निरीक्षण रिपोर्टों में फर्जीवाड़ा कर वास्तविक लेन-देन को दबाया गया तथा संपत्तियों की नीलामी औने-पौने दामों पर कर दी गई। इतना ही नहीं, गोयल ने बताया कि दंडात्मक ब्याज दर 29.25% तक थोप दी गई और जबरन मशीनरी एवं स्टॉक को कबाड़ घोषित करने का प्रयास किया गया।

दीप नारायण गोयल का कहना है कि इस पूरे षड्यंत्र के चलते उन्हें 38–50 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय एवं प्रतिष्ठात्मक क्षति हुई है। उन्होंने बैंक अधिकारियों पर डराने-धमकाने और आपराधिक कदाचार के भी गंभीर आरोप लगाए।उन्होंने बताया कि न्याय की मांग को लेकर वे विभिन्न सरकारी एजेंसियों तक अपनी शिकायत पहुँचा चुके हैं और उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा तथा उनका कारोबार फिर से पटरी पर लौट सकेगा।