न्यूज़ डायरी, नई दिल्ली।
इंडियन सोसाइटी फॉर डेंटल रिसर्च (ISDR) और इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर डेंटल रिसर्च (IADR) के 35वें वार्षिक सम्मेलन में दंत स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नकली टूथपेस्ट की बिक्री को गंभीर सामाजिक चुनौती बताया। मौलाना आज़ाद डेंटल साइंसेज़ संस्थान (MAIDS) के सामुदायिक दंत चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. विक्रांत मोहंती ने चेतावनी दी कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और सार्वजनिक स्थलों पर बिकने वाले ये उत्पाद गरीब और कमजोर वर्ग को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सस्ते दाम का लालच देकर बेचे जाने वाले नकली टूथपेस्ट लंबे समय में दांत और मसूड़ों को स्थायी क्षति पहुंचाते हैं।
डॉ. विक्रांत मोहंती ने की अपील
डॉ. मोहंती ने दिल्ली सरकार द्वारा डेंटल क्लीनिकों की संख्या बढ़ाने और केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना जैसी पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति और तंबाकू विरोधी अभियानों से मौखिक स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर हुई है, लेकिन अब नकली दंत उत्पादों के खिलाफ भी सख्त अभियान चलाने की जरूरत है। उनका कहना था—“स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत मुद्दा नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। जब तक समाज जागरूक नहीं होगा और प्रशासन कड़ाई नहीं करेगा, तब तक यह समस्या खत्म नहीं होगी।
सम्मेलन में विशेषज्ञों ने नियामक संस्थाओं से बाजार पर कड़ी निगरानी रखने, बिना अनुमोदन वाले दंत उत्पादों की बिक्री रोकने और मीडिया व स्कूलों के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने की मांग की। संयुक्त ISDR–IADR मंच ने स्पष्ट किया कि नकली उत्पादों से बचाव और दंत स्वास्थ्य पर ध्यान देना ही स्वस्थ समाज और मजबूत राष्ट्र की नींव बनेगा।