दिल्ली में रिटायर किए जाएंगे निष्क्रिय सरकारी कर्मचारी
नई दिल्ली:- दिल्ली उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के निर्देश के बाद दिल्ली के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत निष्क्रिय और भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी समय से पहले रिटायर कर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद उपराज्यपाल ने ऐसे सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा रिपोर्ट देने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है।
उपराज्यपाल के निर्देश के बाद वित्त विभाग की एचआरडी कैडर नियंत्रण इकाई ने सभी विभागों के प्रमुखों को सर्कुलर जारी करते हुए निर्धारित प्रारूप में कर्मचारियों से जुड़ी जानकारी देने को कहा गया है। समीक्षा के जरिये ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाएगा, जो कि बिल्कुल काम नहीं कर रहे। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जबरन रिटायर किया जाएगा। इस संबंध में हर महीने की 15 तारीख तक ऐसे कर्मचारियों की तय प्रारूप के तहत जानकारी देने के साथ उसपर क्या कार्रवाई की गई उसकी रिपोर्ट सेवा विभाग को देनी होगी।
इन पर होगी कार्यवाही:

आदेश के अनुसार इसमें उन कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया जाएगा जो कि
- -50 से 55 साल की उम्र के करीब हों या 30 साल की सेवा दे चुके हों।
- -दिल्ली सरकार में तैनात ऐसे कर्मचारी जिनकी कामकाज के प्रति सत्यनिष्ठा संदिग्ध हो।
- -ऐसा कर्मचारी जो कि अप्रभावी व निष्क्रिय हो।
- -कर्मचारी जिस पद पर तैनात है वह उसके लिए उपयोगी या पूरी तरह से फिट है कि नहीं, इसकी पुष्टि जांच होने पर।
- -कर्मचारी को बीते पांच साल में प्रमोशन मिला है, लेकिन उसकी गतिविधि संदिग्ध है तो, ऐसे कर्मी पर कार्रवाई नहीं हुई है।