Noida News : नोएडा का सौंदर्य बिगाड़ने वाले विज्ञापनों पर क्यों नहीं लग रही लगाम?

:- सुंदरीकरण पर हर साल खर्च होते करोड़ों, फिर भी अवैध बैनर-पोस्टर से परेशान नोएडा

न्यूज़ डायरी,नोएडा।

एक ओर नोएडा अथॉरिटी शहर को आधुनिक, स्वच्छ और आकर्षक बनाने के लिए हर साल करोड़ों रुपये सुंदरीकरण, सड़क विकसित करने, पार्कों की मरम्मत और सार्वजनिक स्थलों को पेंट कर ‘स्मार्ट लुक’ देने में खर्च करती है। लेकिन दूसरी ओर शहर की सड़कों, बिजली के खंभों, दीवारों, पुलों, सेक्टर मार्करों और बाजारों की दीवारों पर बेधड़क ढंग से लगाए जा रहे अनधिकृत बैनर, पोस्टर और फ्लेक्स बोर्ड पूरे शहर की तस्वीर बिगाड़ रहे हैं। नतीजा यह है कि जो भी रंगाई-पुताई और डिज़ाइनिंग की जाती है, कुछ ही दिनों में अवैध विज्ञापनों के कारण धुंधली और बेजान दिखाई देने लगती है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शहर में झोलाछाप डॉक्टरों, ट्यूशन सेंटरों, रियल एस्टेट दलालों, जिम, कस्मेटिक क्लीनिक, फर्जी नौकरी दिलाने वालों और छोटे दुकानदारों द्वारा लगाए गए पोस्टर और होर्डिंग्स हर तरफ नजर आ रहे हैं। ये न केवल दृश्य सौंदर्य को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि यातायात संकेतों और सार्वजनिक सूचनाओं को भी ढक देते हैं, जिससे कई बार दुर्घटनाओं और भ्रम की स्थिति पैदा होती है।

हालांकि दिल्ली-एनसीआर में बैनर-पोस्टर लगाने के लिए स्पष्ट नियम और लाइसेंस प्रक्रिया है। इसके बावजूद सवाल यह उठता है कि आखिर इन नियमों का पालन क्यों नहीं हो रहा? शहर में नियमित पेट्रोलिंग और निगरानी के बावजूद यह विज्ञापन माफिया कैसे इतने सक्रिय हैं? क्या यह सब मिलीभगत के बिना संभव है?

इन पोस्टरों में साफ-साफ मोबाइल नंबर और एड्रेस लिखे होते हैं, जिससे यह पता चलता है कि इनकी पहचान और लोकेशन खोजना मुश्किल नहीं है। इसके बावजूद सवाल यही उठता है कि कार्रवाई क्यों नहीं होती?

शहर के स्थानीय निवासी विवेक सिंह का कहना है कि सुंदरीकरण का बजट चाहे जितना भी बढ़ा दिया जाए, जब तक इस तरह के अवैध विज्ञापनों पर रोक नहीं लगेगी, तब तक शहर की खूबसूरती कागज़ों और सोशल मीडिया पोस्टों तक ही सीमित रह जाएगी।

मुकेश राणा का तर्क है कि जब इन पोस्टरों पर स्पष्ट मोबाइल नंबर और पते लिखे हुए हैं तो फिर शहर प्रशासन, पुलिस और नोएडा अथॉरिटी के फील्ड अधिकारियों के लिए इन लोगों तक पहुँचना मुश्किल कैसे है? क्या यह अनदेखी है या फिर कहीं न कहीं लापरवाही और मिलीभगत?

फील्ड ऑफिसरों की जिम्मेदारी पर सवाल


नोएडा को कई हिस्सों में अलग-अलग सर्कल और जोन में बांटा गया है। प्रत्येक क्षेत्र में फील्ड इंजीनियर और अधिकारी नियुक्त हैं, जिनकी जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र में सफाई, अतिक्रमण और अवैध गतिविधियों पर नजर रखें। सवाल यह है कि जब पूरा शहर बैनर और पोस्टरों से पटा हुआ है, तो क्या फील्ड ऑफीसरों को यह दिखाई नहीं देता?