क्या स्वामी प्रसाद की सरपरस्ती में पनपा श्रीकांत का रसूख?

श्रीकांत की कार और उस पर लगा विधायक का पास

नोएडा;- नोएडा की ग्रैंड ओमैक्स सोसायटी के गालीबाज नेता श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी के बाद उसके रसूख के पीछे की ताकतों की परतें भी लगातार खुलने लगी हैं। मंगलवार को उसकी गिरफ्तारी के बाद गौतनबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान कई अहम खुलासे किए,जिसमें समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद का नाम भी सामने आया। कमिश्नर ने बताया कि श्रीकांत की गाड़ी पर जो विधायक वाला स्टिकर लगा है,वो उसे स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा मुहैया कराया गया था। कमिश्नर ने कहा कि ये बात स्वयं श्रीकांत ने पूंछताछ में कबूली है,हालांकि अभी इसकी और भी गहन जांच की जा रही है। आपको बता दें कि बीते विधानसभा चुनावों में स्वामी प्रसाद मौर्या ने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ कर समाजवादी पार्टी का दामन थामा था। स्वामी प्रसाद इससे पहले की उत्तरप्रदेश सरकार में कद्दावर और असरदार नेताओं में गिने जाते थे। उनके पास कई अहम मंत्रालयों की भी ज़िम्मेदारी थी। बताया जा रहा है कि उसी समय श्रीकांत स्वामी प्रसाद के सम्पर्क में आया और उनकी सरपरस्ती हासिल की। कमिश्नर ने ये भी बताया कि श्रीकांत को कुछ समय पहले तक गाज़ियाबाद पुलिस की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराई गई थी,जिसके विषय में भी जांच की जा रही है। 

अब भाजपा और सपा आमने सामने:

एक दिन पहले तक श्रीकांत को लेकर जहां भाजपा अपना पल्ला झाड़ रही थी,तो वहीं समाजवादी पार्टी श्रीकांत के बीजेपी नेताओं के संग वाली तस्वीरों का हवाला देकर भाजपा पर जमकर निशाना साध रही थी। अब इस मामले में स्वामी प्रसाद का नाम सामने आने के बाद भाजपा ने सपा पर गुंडों को मदद करने का आरोप लगाया ,तो समाजवादी पार्टी प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि जिस वक्त श्रीकांत को स्टिकर दिया गया,उस वक़्त वे भाजपा में थे। उनके भाजपा से सपा में आने के बाद भी इतने समय तक बिना किसी भाजपा नेता के संरक्षण के श्रीकांत स्टिकर और उत्तरप्रदेश के राज्यचिन्ह को अपनी गाड़ी पर लगा कर घूम सकता है।

एक दिन पहले स्वामी प्रसाद का बयान:

हालांकि एक दिन पूर्व स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि श्रीकांत काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करते समय गेरूए वस्त्र में बड़े सन्यासी के रूप में दिखाई पड़ रहा था। मीडिया के माध्यम से जानकारी हुआ है कि जमीन घोटाले में भी उसका नाम है। बीजेपी का नही होता तो ऐसे व्यक्ति को चार चार पांच गनर कैसे मिलते। स्वाभाविक रूप से आज जब बीजेपी पर पाप के छींटे पड़ रहे हैं तो उस पाप के चादर को किसी और पर डालने की बीजेपी की नापाक कोशिश है। यह उनका दूसरे पर आरोप मढ़ने की नापाक साजिश है। श्रीकांत का मुझसे या मेरे किसी भी परिजन से कोई ताल्लुक नहीं है।

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