विधानसभा में केजरीवाल ने एलजी पर लगाया धमकाने का आरोप


नई दिल्ली।
गुरुवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि जब 2015 में हमारी सरकार बनी थी, जब हमने महिलाओं से वादा किया था कि हमसे जो बन पड़ेगा, वो करेंगे। दिल्ली पुलिस हमारे पास नहीं है, जो कि सीधे जनता की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। हमारे दायरे में नहीं आता है। इसके बावजूद हमसे जो बन पड़ा, वो हमने किया। दुनिया कि किसी शहर में इतनी संख्या में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे, ​जो हमने राष्ट्रीय राजधानी में लगवाए हैं।
महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बसों में मार्शल तैनात किया गया था। वो आज बीजेपी की गंदी राजनीति के चलते सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। सीएम ने कहा कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को आ रही दिक्कतों पर कल एलजी साहब ने मुझे चिट्ठी लिखी, अब अफसर कह रहे उन्होंने बुलाकर धमकाया।
उन्होंने कहा कि अगर तुमने इस स्कीम को बंद नहीं की तो तुम्हारे खिलाफ जांच बैठा दूंगा। नौंटकी मत करो। जांच एजेंसी को तुम्हारे पीछे लगा दूंगा। अफसरों को कई तरह से परेशान किया जा रहा है। राजस्व, वित्त और ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने लगातार इस बारे में हमें चिट्ठी लिखते रहते हैं। कर्मचारियों के पैसे जारी कीजिए।
सीएम ने विधानसभा में सवाल उठाते हुए पूछा कि ऐसा क्या हो गया कि एलजी ने बसों में मार्शल की तैनाती को रोक दिया। जबकि पिछले चार साल से यह स्कीम सही तरीके से चल रही थी। मार्शलों की वजह से ऐसे कई मामले सामने आये, जिसमें मार्शलों ने बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोका। यह योजना अच्छी खासी चल रही थी। अचानक इसको 1 नवंबर 2023 से बंद कर दिया गया।
मैंने एलजी साहब से पूछा कि इस योजना को क्यों बद कर रहे हो? ये क्या हो रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि बसों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पैनिक बटन भी लगे हैं। इन लोगों पर 280 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है। इस पर, मैने कहा कि सर, ये मेरे लोग हैं। उन्होंने चुनकर भेजा है। सुरक्षा के लिए 280 क्या 2800 करोड़ खर्च करूंगात। आप कौन होते हैं रोकने वाले? सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षा होती तो आपके राजभवन के आगे भी लगे हैं, फिर आपको सुरक्षा में कर्मचारियों की जरूरत क्यों है? उसे भी हटा देते हैं। इसी तरह एलजी विनय सक्सेना ने डीटीसी पेंशन धारकों को उनकी पेंशन मई महीने से रोक दिया। अब मैंने दिलवाई। फरिश्ते योजना भी उपराज्यपाल ने बंद करवा दी। पूछने पर, हर अफसर कहता है, मुझे उपराज्यपाल ने बुलाकर धमकाया है। जबकि उपराज्यपाल का कहना है मैंने कोई धमकी नहीं दी। अभी तक जो अधिकारी सरकार के लिए काम कर रहे थे अचानक वह काम नहीं कर रहे। कुछ तो गड़बड़ है.मैंने उप राज्यपाल से कहां चलो आपकी बात में मान लेता हूं आप नहीं कर रहे तो आप इन अधिकारियों पर कार्रवाई करो, आप कार्रवाई भी नहीं कर रहे।