उत्तराखंड के सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने वाले रैट माइनर के घर पर चला बुलडोजर

नई दिल्ली।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने एक अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत खजूरी खास इलाके में बुलडोजर चलाया और कई घरों को ढहा दिया। डीडीए के इस अभियान के बाद बेघर होने वाले लोगों में वकील हसन भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले साल नवंबर में अपनी टीम के साथ उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने के लिए अवॉर्ड दिया गया था। वकील हसन पेशे से ‘रैट होल माइनर’ हैं।
वकील हसन ने अपना घर ढहाए जाने के बाद कहा कि हमारे पास मरना ही विकल्प है। हमने सिल्कयारा सुरंग में 41 लोगों को बचाया और बदले में हमें यह मिला। उन्होंने कहा कि बहुत दुख हो रहा है। मैंने देश के लिए इतना अच्छा काम किया। मुझे इस काम का सिला ये मिला कि छत छीन ली गई।
वकील हसन ने कहा कि मेरे बच्चे रोड पर बैठे हैं। मैं कहां जाऊंगा पूरी जिंदगी? आज कमाना मुश्किल हो रहा है, कहां से घर लेगा यही ऑप्शन है कि मर जाएं। सरकार से कोई आश्वासन नहीं मिला है। सरकार देखते हैं पूछती है या नहीं। मैंने पूछा कि क्यों तोड़ रहे हैं तो उन्होंने कुछ नहीं दिखाया। हम सभी को थाने ले गए और पैक कर दिया। मुझे 8 बजे तक रखा। बेटी, पत्नी को भी वहीं रखा। बेटे से मारपीट भी की। हमारी तारीफ दुनिया कर रही है। उत्तराखंड सरकार ने हमें 50 हजार रुपये दिए, लेकिन इससे क्या होगा?
वहीं दूसरी तरफ डीडीए ने कहा है कि अतिक्रमण विरोधी अभियान उस जमीन पर चलाया गया जो ‘योजनाबद्ध विकास भूमि’ का हिस्सा थी। पुलिस ने कहा कि अभियान के दौरान अवैध रूप से निर्मित कई संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया।