✍🏻योगेश राणा
नोएडा :- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सेट नोएडा पुलिस कमिश्नरेट कोतवाली फेस-1 पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी,फर्जी आईएएस ( fake IAS) सहित 4 लोग नोएडा पुलिस की गिरफ्त में। पुलिस का कहना है कि पकड़ें गए आरोपी एक गिरोह बनाकर पूरी प्लानिंग के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देता था। इस में एक व्यक्ति आईएएस (IAS) अधिकारी होने का रोल प्ले करता था बाकी तीन एक ड्राइवर बन कर गाड़ी चलाता था और दो निजी सुरक्षा कर्मी बनकर सुरक्षा दिया करते थे और लोग अक्सर इनकी चमक धमक वाली जिंदगी देखकर इन्हें असली आईएएस अफसर समझ लिया करते थे, पुलिस का दावा है कि आईएएस बनकर लोगों को सरकारी दफ्तरों / कार्यालयों में सहायता दिलाने के नाम पर पर मोटी धन वसूली करते है और फिर रफू चक्कर हो जाते है। इस गिरोह के निशाने पर अक्सर युवा एवं व्यापारी वर्ग ही अधिक हुआ करता था। इन अपराधियों ने पुलिस को बताया कि सबसे सरल तरीक़े से व्यापारी व युवाओं को ही झांसे में लिया जा सकता है। पुलिस के अनुसार इनके पास 7 फर्जी आईएएस विजिटिंग कार्ड, एक रिवाल्वर, एक पिस्टल, सैमसंग टेबलेट, 4 मोबाइल फोन और स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की गई है जिस पर भारत सरकार लिखा हुआ था
आरोपीयों की पहचान
1. कृष्ण प्रताप सिंह निवासी अहरोली बगेल, थाना बनकटा, जिला देवरिया, उत्तर प्रदेश।
2. प्रवीन: निवासी आदर्श कॉलोनी मुल्ला होटल, जिला फरीदाबाद।
3. सतेंद्र: निवासी भैसरोली, थाना भौगांव, जिला मैनपुरी, उत्तर प्रदेश।
4. सचिन पाठक: निवासी कुरावली, थाना कुरावली, जिला मैनपुरी, उत्तर प्रदेश
यह गिरोह आखिर कहां और कैसे हुआ गिरफ्तार-?
पुलिस ने दावा किया है कि थाना फेस-1 की टीम हरौला चौकी के पास तिराहे पर चैकिंग अभियान चला रही थी लेकिन उस वक्त वहां पर बहुत अधिक भीड़ हो रही थी जिस कारण वहां पर जाम लग गया था वहीं पीछे से आ रही स्विफ्ट डिजायर कार लगातार सायरन बजा रही थी लेकिन पुलिस को संदेह हुआ कि पीली नंबर प्लेट की गाड़ी पर सायरन नियमों के अनुसार नहीं लगाया जा सकता है और जब पुलिस ने इनको रोका तो ड्राइवर अकड़ में बोला पिछे साहब बैठे हैं पुलिस को संदेह हुआ जांच पड़ताल की तो पता चला कि यह एक फर्जी आईएएस (IAS ) अधिकारी हैं पुलिस ने तुरंत हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो अपना सारा राज उगल दिया और पुलिस ने इनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।