नैमिष तीर्थ पहुंचे सीएम योगी , लगाई झाडू किया ये वादा

सीतापुर।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को एक दिवसीय दौरे पर नैमिषारण्य धाम के चक्रतीर्थ पहुंचे। यहां उन्होंने विधि विधान से दर्शन-पूजन एवं हवन का कार्य संपादित किया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने यहां स्थित प्राचीन भूतेश्वरनाथ मंदिर और मां ललिता देवी मंदिर में भी दर्शन पूजन किया। मुख्यमंत्री ने चक्रतीर्थ में देशभर से आए संतों, महंतों और नैमिष तीर्थ के विभिन्न मठ मंदिरों के पुजारियों के साथ स्वच्छता श्रमदान किया। मुख्यमंत्री सहित अन्य साधु-संतों ने मास्क लगाकर झाड़ू लगाते हुए व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता का भी संदेश दिया। इससे पूर्व संत-महंतों से वार्तालाप के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी से स्वच्छता को लेकर आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मठ, मंदिरों को पूरी तरह से हमें प्लास्टिक मुक्त बनाना होगा। सीएम योगी ने आश्वस्त किया कि नैमिष तीर्थ के विकास के लिए सरकार के पास धन की कमी नहीं है। अयोध्या की तर्ज पर ही नैमिषारण्य का विकास सरकार की प्राथिमकता है।
प्रदेश की कमान संभालने के बाद बाद पांचवी बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज मनु, वेद व्यास और महर्षि दधीचि सहित 88 हजार तेजोमय ऋषि-मुनियों की पावन तपोभूमि नैमिष तीर्थ पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यहां साधु संतों से काफी देर तक मुलाकात की। इस दौरान संतों ने नैमिष तीर्थ में हुए अभूतपूर्व विकास की मुक्तकंठ से सराहना की। देश के कोने कोने से आए संतों, महंतों और विभिन्न मंदिरों के पुजारियों ने मुख्यमंत्री का विशेष आभार प्रकट करते हुए कहा कि वैसे तो नैमिष तीर्थ पूरे देश के आस्थावान सनातनियों में अपने अमूल्य स्थान रखता है, मगर इस सरकार में हुए विकास कार्यों से इसकी शोभा और बढ़ गई है। सभी ने मुख्यमंत्री को अपने अपने मंदिर-मठों में पधारने के लिए आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री ने संतों-महंतों और पुजारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पूज्य बापू महात्मा गांधी के प्रति स्वच्छांजलि अर्पित करने का आह्वान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। हमारा दायित्व है कि हम स्वच्छता को एक दिन का कार्यक्रम ना बनाते हुए जनआंदोलन का रूप दें। स्वच्छता ही जीवन की पहली आवश्यकता है। खासाकर तीर्थों, मठ, मंदिरों और हर वो जगह जहां लोगों का सार्वजनिक आगमन होता है, हमें स्वच्छता के प्रति संवेदनशील होना होगा। मुख्यमंत्री ने संभी संतों से अपने अपने मठ, मंदिरों को प्लास्टिक मुक्त बनाने का आह्वान किया।