- :- सीईओ लोकेश एम ने भ्रष्टाचार पर लगाई लगाम, सभी भुगतानों पर रोक
- :- सर्किल अफसर और ठेकेदारों की मिलीभगत से चल रहा था सरकारी पैसों का खेल
✍️ योगेश राणा
न्यूज़ डायरी, नोएडा।
नोएडा प्राधिकरण से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। प्राधिकरण के सर्किल अफसर ही अपने ही मुखिया की आंखों में धूल झोंककर सरकारी पैसों की बंदर बांट कर रहे थे। हाल ही में सीईओ लोकेश एम के सामने ऐसे मामलों का खुलासा हुआ, जिनकी उन्हें भनक तक नहीं थी। कई कार्य ऐसे थे जिन्हें बिना उनकी अनुमति या जानकारी के किया गया। सर्किल स्तर पर सर्किल अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी रकम का दुरुपयोग हो रहा था।
कहावत है – “सच को चाहे लाख छुपाओ, झूठ के परदे में मगर एक दिन वो बाहर जरूर आता है।” ठीक यही हुआ। सीईओ लोकेश एम के सामने अफसरों के कारनामे उजागर हुए तो वे सकते में आ गए। इसके बाद उन्होंने सख्त कदम उठाते हुए सर्किल स्तर से होने वाले सभी भुगतानों और कार्यों पर तत्काल रोक लगा दी। साथ ही 2023 से 2025 तक एक लाख से लेकर पाँच लाख तक के सभी कार्यों की सूची तलब कर दी।
कैसे चलता था यह खेल? इमरजेंसी का बहाना और कोटेशन के आधार पर खेल
इस बंदर बांट का खेल बड़ी चालाकी से खेला जाता था। शुरुआत होती थी सर्किल अफसर की तरफ से इमरजेंसी या आपातकालीन स्थिति बताकर। इसके बाद काम को बिना सही प्रक्रिया अपनाए कोटेशन के आधार पर सौंप दिया जाता। परंतु ध्यान देने वाली बात यह थी कि कोटेशन उसी ठेकेदार के पास होता जो सर्किल अफसर पर चढ़ावा चढ़ाता था।काम पूरा होने के बाद सर्किल स्तर से ही सीधे भुगतान कर दिया जाता। सीईओ या उच्च अधिकारियों से अनुमति लिए बिना ये भुगतान होते रहे। यही खेल लंबे समय तक चलता रहा और लाखों रुपए की बंदर बांट की गई।
ई-निविदा प्रक्रिया में क्या है नियम?
सरल भाषा में समझें तो सड़क निर्माण जैसे कार्यों के लिए प्राधिकरण ई-निविदा यानी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से टेंडर जारी करता है। इसमें सबसे कम दर पर गुणवत्तापूर्ण कार्य करने वाली कंपनी को चयनित किया जाता है। सर्किल अफसर को कार्य की गुणवत्ता का आकलन कर रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजनी होती है। इसके आधार पर भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ती है।लेकिन वास्तविक स्थिति इससे बिल्कुल उलट थी। कई सर्किल अफसर बिना सीईओ से कार्य का निरीक्षण कराए ही कंपनियों को भुगतान कर रहे थे। न तो गुणवत्ता की जाँच हुई और न ही कार्य की भौतिक रिपोर्ट उच्च स्तर पर प्रस्तुत की गई। यह पूरा खेल निजी लाभ के लिए खेला जा रहा था।
सीईओ ने क्या कार्रवाई की? सख्ती और पारदर्शिता की पहल

घटना का खुलासा होते ही सीईओ लोकेश एम ने तत्काल प्रभाव से सभी सर्किल स्तर पर होने वाले भुगतान और कार्यों को रोक दिया। साथ ही आदेश दिया कि 2023 से लेकर 2025 तक 1 लाख से 5 लाख तक के सभी कार्यों की सूची प्रस्तुत की जाए। यह कदम सरकारी धन की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। अब यह देखा जाएगा कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।