धूल प्रदूषण को लेकर केजरीवाल सरकार सक्रिय
नई दिल्ली:- दिल्ली में धूल प्रदूषण कम करने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा साल 2021 में लांच किए गए सीएन्डडी पोर्टल पर 15 से 30 जुलाई तक पोर्टल पर स्पेशल अभियान चलाने के निर्देश जारी किए गए है।
पर्यावरण मंत्री ने दिए निर्देश:

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि प्रदूषण को लेकर केजरीवाल सरकार काफी सक्रिय है। कंस्ट्रक्शन साइट्स से पैदा होने वाला धूल प्रदूषण भी लोगो के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित होता है। इसी दिशा में कार्य करने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में कंस्ट्रक्शन एन्ड डेमोलिशन पोर्टल को लांच किया गया था। इस पोर्टल पर 500 स्क्वायर मीटर से अधिक सभी साइट्स का सेल्फ रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। यह पोर्टल सभी डीपीसीसी के अधिकारियों को साइट निरिक्षण करने, ऑनलाइन रिपोर्ट जमा करने और जुर्माना लगाने तथा वसूल करने की सुविधा भी देता है।
पिछले वर्ष शुरू हुआ था पोर्टल:

उन्होंने बताया कि ‘सेल्फ एसेसमेंट पोर्टल पिछले साल अक्टूबर में शुरू किया गया था क्योंकि सभी निर्माण और विध्वंस स्थलों की वहां जाकर धूल नियंत्रण नियमों के अनुपालन की निगरानी करना मुश्किल था। इसीलिए परियोजना प्रस्तावकों को अनिवार्य रूप से वेब पोर्टल पर पंजीकरण कराने, धूल नियंत्रण नियमों के अपने अनुपालन का खुद ऑडिट करने तथा पाक्षिक आधार पर पोर्टल पर स्व: घोषणा पत्र अपलोड करने के लिए कहा गया था। साथ ही निर्माण स्थल पर रिमोट कनेक्टिविटी के साथ वीडिओ फेसिंग का प्रावधान भी करना होगा। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति उन परियोजना प्रस्तावकों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिन्होंने अपने निर्माण और विध्वंस स्थलों का धूल नियंत्रण नियमों के आत्म मूल्यांकन को लेकर सी एंड डी पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराया है।
डीपीसीसी को दिए निर्देश:

गोपाल राय ने बताया कि अभी तक 600 परियोजना साइट्स ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। डीपीसीसी को निर्देश दिए गए है की वह यह सुनिश्चित करे की सभी परियोजना साइट्स का रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर हो। निर्माण योजना स्वीकृति के लिए जिम्मेदार एजेंसियों को भी परियोजना प्रस्तावकों को खुद को पंजीकृत कराने के लिए सुनिश्चित करना आवश्यक है।डीपीसीसी को सभी के सेल्फ ऑडिट की लक्षित और हासिल की गई मासिक रिपोर्ट देने के भी निर्देश जारी किए गए है । डीपीसीसी को निर्देश दिया गया है कि परियोजना प्रस्तावकों को अनिवार्य रूप से वेब पोर्टल पर पंजीकरण कराने, धूल नियंत्रण नियमों के अपने अनुपालन का खुद ऑडिट करने तथा पाक्षिक आधार पर पोर्टल पर स्व: घोषणा पत्र अपलोड करवाए।