जज बनकर सचिवालय में फोन करने वाले दो शातिर चढ़े पुलिस के हत्थे

न्यायाधीश, मंत्रियों की डीपी लगाकर करते थे अधिकारियों को फ़ोन

देहरादून/नोएडा:- व्हाट्सएप पर मंत्रियों एवं जज बनकर अधिकारियों को फ़ोन करने वाले गिरोह के दो शातिर ठगों को एसटीफ व कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। डीआईजी जनमेजय खंडूरी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सचिवालय मैं तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को व्हाट्सएप पर कॉल आया। बात करने वाले व्यक्ति ने अपने आप को उच्चतम न्यायालय का जज बताया। अधिकारी को संदेह होने पर तत्काल कोतवाली पुलिस एवं एसटीएफ़ को उक्त नम्बर की जांच के लिए आदेश दिए गये। जांच के दौरान नम्बर को ट्रेस किया गया और मुखबिर की सूचना के आधार पर इस गिरोह के दो शातिर ठगों को नोएडा से गिरफ्तार किया गया।

जेल में बनाया ऐसा प्लान:

 पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने बताया कि हम लोग पहले लोगो को फ़र्ज़ी वीज़ा के ज़रिये विदेश भेजते थे एम्बैसी की शिकायत पर हम जेल चले गए वहां से आने के बाद हमने एक प्राइवेट लिमिटेड पान मसाला की कंपनी खोली, जिसमे टैक्स चोरी में हम जेल चले गए। जेल से आने के बाद हमारी मुलाकात गीता प्रसाद नाम की महिला से हुई ,उसने बताया कि देहरादून में एक ज़मीन खाली करानी है। इस काम के पचास लाख रुपये तय हुए तभी अभियुक्त ने एक नया सिम कार्ड लेकर ट्रूकॉलर के ज़रिए उच्चतम न्यायालय का जज लिख कर सेव किया और सचिवालय मैं तैनात एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को फ़ोन कर मिलने का समय लिया। सचिवालय में अधिकारी को   मिलने गए गीता प्रसाद व उसके साथी को विश्वास दिला दिया की काम हो जाएगा और फिर हम लोग चले गए पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर दोनों अभियुक्तों को नोयडा से गिरफ्तार किया पकड़े गए। अभियुक्तों की पहचान मनोज कुमार ( 52) पुत्र जुगल किशोर निवासी110, महागुन मेपल सेक्टर 50 नोएडा, राजीव अरोड़ा ( 50 )पुत्र हेमराज निवासी बरनाला पंजाब के रूप मे हुई । दोनों अभियुक्तों पर दिल्ली के कई थानों में धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज है।

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