:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम एक्सपो 2023 का शुभारंभ
:- संस्कृति मंत्रालय का उद्देश्य हर प्रकार की कला और संस्कृति को बढ़ावा देना है
नई दिल्ली :- संस्कृति मंत्रालय ने अपने तरह के पहले व्यापक तीन-दिवसीय “अंतरराष्ट्रीय म्यूज़ियम एक्सपो 2023” का आयोजन करने की अपनी योजनाओं की घोषणा की है। इस एक्सपो का उद्देश्य देश भर के विभिन्न संग्रहालयों में मौजूद विविधता से भरपूर सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करना और व्यापक चर्चा का आयोजन करना है। इस तीन-दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 18 से 20 मई के बीच नई दिल्ली के प्रगति मैदान में किया जाएगा। इस प्रयास की शुरुआत 47वें अंतरराष्ट्रीय म्यूज़ियम दिवस मनाने के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव के दूसरे चरण के अंतर्गत किया जा रहा है। यह आयोजन म्यूज़ियम से जुड़े पेशेवरों और शौकीन लोगों को एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा जहां वे अपने विचार साझा कर सकेंगे और अलग-अलग संस्कृतियों को बढ़ावा दें और अपनी समझ बढ़ा सकें। कई जानी-मानी हस्तियां जिनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ सरकारी अधिकारी, म्यूज़ियम से जुड़े पेशेवर और इससे संबंधित सेवाओं-टैक्नोलॉजी प्रदाता, अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोग और राष्ट्रीय स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर के स्कूल और कॉलेज छात्र शामिल होंगे, अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। तीन दिनों के अंतरराष्ट्रीय म्यूज़ियम एक्सपो के दौरान, अलग-अलग थीम पर आधारित म्यूज़ियम पर ध्यान दिया जाएगा जिनके बारे में कार्यशालाओं, सेमिनार, मास्टर क्लास, समूह चर्चा और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। इन गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय संग्रहालयों, राजनयिकों, क्यूरेटर, सलाहकारों, अकादमिक क्षेत्र के लोगों और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों को आमंत्रित किया गया है और इस तरह उन्हें विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी हासिल करने और सहयोग बढ़ाने का अनोखा अवसर मिलेगा।
किशन रेड्डी ने कहा
संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी ने कहा,
”प्रगति मैदान में आगामी तीन दिवसीय म्युजियम एक्सपो का शुभारंभ भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा और यह ऐतिहासिक आयोजन ऐसा पहला अवसर होने जा रहा है जबकि सरकार संग्रहालयों के लिए नई टैक्नोलॉजी तथा पहल को प्रदर्शित करने जा रही है। म्युजियम डेवलपमेंट, एक्सपर्ट्स और वरिष्ठ अधिकारीगणों समेत विभिन्न विभागों के सहयोग से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारत के संस्कृति मंत्रालय ने अब तक 145 नए संग्रहालयों को कमीशन कर उनका शुभारंभ किया है। इंटरनेशनल म्युजियम एक्सपो 2023 अपनी तरह का पहला आयोजन है जिसके तहत् केवल भारतीय प्रोफेशनल्स को ही नहीं बल्कि दुनियाभर से भी विशेषज्ञों को वर्कशॉप्स तथा मास्टर क्लासेज़ में भाग लेने के लिए निमंत्रित किया गया है।”
संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा
संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा,
“यह एक शानदार मौका है जिससे हम अंतरराष्ट्रीय म्यूज़ियम एक्सपो का आयोजन कर सकेंगे, ताकि म्यूज़ियम से जुड़े सभी पक्षों और पेशेवरों से व्यापक चर्चा की जा सके। इससे हमें म्यूज़ियम को लेकर नीति बनाने से जुड़े सुझाव पाने और लोगों की प्रोग्रामिंग और म्यूज़ियम से जुड़े पेशेवरों के हिसाब से म्यूज़ियम तैयार करने में मदद मिलेगी।”
एक्सपो की खूबियों में से एक 7 मास्टरक्लास और 11 समूह चर्चाएं हैं जिनका आयोजन इन तीन दिनों के दौरान किया जाएगा। इन मास्टरक्लास में म्यूज़ियम के कामकाज से जुड़े विषयों पर लेक्चर-डेमोस्ट्रेशन फॉर्मैट में वैश्विक स्तर के विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जाएगी। इन समूह चर्चाओं में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय म्यूज़ियम विशेषज्ञ और सलाहकार हिस्सा लेंगे और वे अपारंपरिक म्यूज़ियम, हर किसी के लिए म्यूज़ियम तैयार करना और म्यूज़ियम में पर्यावरण व वित्तीय संसाधनों का ध्यान रखने जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। इस चर्चा में मंत्रियों का समूह भी होगा जिसका शीर्षक विज़न 2047 है। इसके अंतर्गत 12 राज्यों के संस्कृति मंत्री अपने राज्यों में म्यूज़ियम के विकास को लेकर अपने दृष्टिकोण के बारे में चर्चा करेंगे। इसके अलावा, सचिवों के समूह में भारत सरकार के 9 सचिव या म्यूज़ियम को वित्तीय मदद करने वाले, बनाने और विकसित करने वाले मंत्रालयों या विभागों के सचिव स्तर के अधिकारी हिस्सा लेंगे।
इस एक्सपो का एक अन्य खास हिस्सा टेक्नो मेला है जिसे उन लोगों को बी2बी नेटवर्किंग करने का मौका देने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो म्यूज़ियम बनाना चाहते हैं और इसके लिए खास सेवाएं उपलब्ध कराने वाले तकनीकी सेवाप्रदाता हैं। इस पहलू में लाइटिंग और टेक्निकल उपकरण उपलब्ध कराने वाले विक्रेताओं के साथ राष्ट्रीय स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर तक के कुछ म्यूज़ियम का प्रदर्शन करना शामिल है। 55 से ज़्यादा विक्रेताओं, संस्थानों, इस सेगमेंट में शामिल प्रमुख प्रतिभागियों में भारतीय नौसेना, राष्ट्रीय रेल म्यूज़ियम, आई2आई कंसल्टिंग, अथाह इन्फोटेक, वराह, लॉयन इंडिया, गोदरेज, डेकन लाइटिंग हैं।
आखिर में 100 से ज़्यादा छात्रों ने इस चर्चा में हिस्सा लेने के लिए साइन-अप किया है जहां वे पेपर, टेक्सटाइल, पेपर और टैक्सीडर्मी के बचाव के लिए संरक्षण के तरीके सीखेंगे। उन्हें इस क्षेत्र में करियर की संभावनाओं और नियोक्ताओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
संस्कृति मंत्रालय का उद्देश्य हर प्रकार की कला और संस्कृति को बढ़ावा देना है
संस्कृति मंत्रालय का मिशन हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और सुरक्षित रखते हुए हर प्रकार की कला और संस्कृति को बढ़ावा देना है, चाहे वह मूर्त हो या अमूर्त। इसकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी लोगों को उनकी रचनात्मक और सौंदर्य संबंधी समझ के साथ एक-दूसरे से जुड़े रहने के तरीके तैयार करने और उन्हें बनाए रखने की है। मंत्रालय का कामकाज विविधता से भरपूर है, यानी जमीनी स्तर पर सांस्कृतिक जागरूकता फैलाने से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ावा देने तक मंत्रालय सारे काम करता है। अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए मंत्रालय कई गतिविधियों का आयोजन करता है जो भारत सरकार के व्यवसाय आवंटन नियमों के अंतर्गत आवंटित किए गए विषयों पर आधारित होते हैं।