✍🏻 योगेश राणा
नोएडा :- गल्फ देशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गैंग का नोएडा पुलिस ने पर्दाफाश किया है। थाना सेक्टर-63 की पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने इनके पास से 6.90 लाख रुपए, 5 मोबाइल फोन और अन्य सामग्री बरामद की है। अब तक यह गैंग 250 से अधिक लोगों को ठग चुका है।
तीन महीने में 250 लोगों से की ठगी
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने जानकारी दी कि सेक्टर-63 के एच-73 में ग्लोबल ट्रैवल्स नाम की एक फर्जी ट्रैवल कंपनी चलाई जा रही थी। यह गैंग तीन महीने से अधिक समय से लोगों को अजरबैजान, दुबई, सऊदी अरब, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, मालदीव, ओमान, और कुवैत भेजने का झांसा दे रहा था। लगभग 250 लोग इनके जाल में फंसे, जिनमें से 30 लोगों की टिकट 6 सितंबर 2024 को थी। एयरपोर्ट पहुंचने पर इन लोगों को पता चला कि उनकी टिकट फर्जी है।
जब पीड़ित एयरपोर्ट पहुंचे और उन्हें टिकट की फर्जीवाड़े की जानकारी मिली, तो वे सेक्टर-63 स्थित कार्यालय पहुंचे। लेकिन, वहां कार्यालय बंद था और कर्मचारी फरार हो चुके थे। फोन भी बंद पाया गया, जिसके बाद पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क किया।
गैंग के तीन सदस्य गिरफ्तार
थाना सेक्टर-63 पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर योगेंद्र उर्फ अनीस, मनोज उर्फ रिजवान, और कोमल उर्फ ज्योति को डंपिंग यार्ड के पास ग्रीन बेल्ट ए-ब्लॉक से गिरफ्तार किया। इन तीनों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे अपनी कंपनी का प्रचार सोशल मीडिया पर कर रहे थे और इच्छुक लोगों को व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ते थे।
गैंग पहले आवेदकों से पासपोर्ट लेकर फर्जी वीजा तैयार करता था और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 70 हजार से 1 लाख तक वसूल करता था। इसके बाद फर्जी टिकट, अपॉइंटमेंट लेटर और अन्य दस्तावेज देकर उन्हें एयरपोर्ट पहुंचने की हिदायत दी जाती थी। एयरपोर्ट पहुंचने पर इनसे संपर्क करने की बात कही जाती थी, लेकिन कोई मौजूद नहीं होता था।
पासपोर्ट किए डिस्ट्रॉय
गैंग के कॉल सेंटर को छोड़ने से पहले सभी पासपोर्ट डिस्ट्रॉय कर दिए गए थे। कुछ पासपोर्ट कोरियर के जरिए भेजे गए थे। टिकट भी डमी होते थे, जो तीन दिन के अंदर समाप्त हो जाते थे। सभी पीड़ितों को एक ही दिन बुलाकर उनके दस्तावेज और कैश लेकर वापस भेज दिया जाता था।
सोशल मीडिया के जरिए फैलाया जाल
गैंग ने फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साइट्स के जरिए गल्फ देशों में नौकरी दिलाने और वीजा प्रोसेसिंग के विज्ञापन चलाए थे। लोगों को गुमराह करने के लिए यह फर्जी विज्ञापन बनाकर उनकी रुचि को आकर्षित करते थे।