Pollution took a rough form in Delhi, situation like lockdown : दिल्ली में प्रदूषण ने लिया रौद्र रूप,लॉकडाउन जैसे हालात

स्कूल बंद,वर्क फ्रॉम होम का आदेश,मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट,सियासत तेज

नई दिल्ली:- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इन दिनों प्रदूषण चरम पर है। हालात ऐसे हैं कि यहाँ की आबोहवा में लोगों का दम घुट रहा है। इसी के चलते दिल्ली सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं और हाई लेवल मीटिंग बुलाकर मंथन चालू कर दिया है। साथ ही साथ ये मामला देश की सर्वोच्च अदालत में भी जा पहुंचा है। इतना ही नहीं प्रदूषण को लेकर राजधानी की सियासत भी गर्म हो गई है। इस मामले में भाजपा और आप जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्राइमरी स्कूल बंद करने का एलान किया। उनकी यह घोषणा शनिवार से लागू हो जााएगी। इसके साथ ही, दिल्ली में आउट डोर एक्टिविटी पर भी रोक लगा दी गई है। सीएम केजरीवाल ने फौरन केन्द्र सरकार से इस बारे में कदम उठाने की अपील की है। यही नहीं शुक्रवार को ही एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में डीजल वाहनों पर रोक लगाई गई है। इस बैन को प्रभावी बनाने के लिए 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। दिल्ली में बीएस-6 गाड़ियों को ही एंट्री मिलेगी। सीएनजी, इलेक्ट्रिक और जरूरी सेवा से जुड़े ट्रकों को छोड़कर अन्य पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, उन्होंने अभी यह साफ नहीं किया कि नॉन बीएस-6 गाड़ियों पर लगाया गया प्रतिबंध निजी कारों पर भी लागू होगा या नहीं। गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली के अंदर सभी तरह के निर्माण और विध्वंस के काम पर रोक है। इसमें कुछ कैटिगरी को छूट दी गई थी। साथ ही हाइवे, रोड कंस्ट्रक्शन, फ्लाइओवर, पाइप लाइन और पावर ट्रांसमिशन के काम पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जरूरी सेवा के साथ सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को मंजूरी दी जाएगी। दिल्ली में जो पंजीकृत डीजल मध्यम वाहन हैं, उन पर भी प्रतिबंध रहेगा। जरूरी सेवा श्रेणी में जो सामान आते हैं, उन्हें आने जाने की अनुमति दी जा रही है। आपातकालीन सेवा को छोड़कर बीएस-6 वाहनों (डीजल वाले) को छोड़कर सब पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के आधे कर्मचारी ‘वर्क फ्रॉम होम’ मोड में काम करेंगे। इसके अलावा प्राइवेट कंपनियों को भी जहां तक संभव हो कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा देने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा, ”दिल्ली सरकार में जो वर्कफोर्स है उसमें से 50 फीसदी ‘वर्क फ्रॉम होम’ करेंगे, यह अनिवार्य है। जो प्राइवेट दफ्तर हैं, उनके लिए हम अडवाइजरी जारी करने जा रहे हैं, कि वह भी ऐसा करें।”

केजरीवाल ने सुबह ही की थी प्रेस वार्ता:

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार सुबह ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण काफ़ी ज़्यादा हो गया है। लोगों को सांस लेने में मुश्किल हो रही है। ये सिर्फ़ दिल्ली की नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत की समस्या है। दिल्ली के अलावा हरियाणा और यूपी के कई शहरों में हवा बेहद ख़राब चल रही है। केजरीवाल ने आगे कहा कि इसके लिये कई लोकल कारण है। एक राज्य की गाँव एक राज्य में नहीं रहती इधर से उधर जाती है। केन्द्र सरकार को कदम उठाने चाहिये। उन्होंने  कहा ये समय राजनीति का या गाली देने का नहीं है। दिल्ली सीएम ने कहा कि पंजाब में पराली जल रही तो इसके लिए हम खुद जिम्मेदार हैं, क्योंकि वहां पर हमारी सरकार है। केजरीवाल ने कहा कि हमारे ऊपर उंगली उठाने का सवाल नहीं है। लेकिन जब तक किसान को समाधान नहीं मिलेगा तो वो क्या करेगा। उसकी ज़िम्मेदार नहीं है। हम इसकी ज़िम्मेदारी लेते हैं। अगर पंजाब में पराली जल रही है तो मान सरकार ने कई कदम उठाये है। कुछ सफलता मिली, कुछ नहीं मिली, लेकिन अब जब लगे हुये को अगले साल तक ठोस समाधान निकलेगा। इसमें कोई ब्लेम गेम नहीं है। 

भाजपा ने बोला हमला:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से वायु प्रदूषण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद भाजपा ने भी उसी अंदाज में पलटवार किया है। बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सीएम अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण केवल हवा या पानी में नहीं है, अरविंद केजरीवाल की नीयत में प्रदूषण है। इस मौके पर संबित पात्रा ने पंजाब की आप सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में इस बार पराली जलने के मामलों में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं संबित पात्रा ने इस दौरान श्रमिकों को 5000 रुपये देने वाले स्कीम को लेकर भी केजरीवाल पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2006 से वहां रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है, लेकिन 2006 से 13 लाख रजिस्ट्री हुई है। 2018 से 2021 के बीच 10 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। आम आदमी पार्टी डुप्लीकेट रजिस्ट्री करवा रही है। करोड़ों-अरबों का घोटाला हो रहा है। लगभग 9 लाख 9 हजार लोगों के रजिस्ट्रेशन में 2 लाख फर्जी रजिस्ट्रेशन पाया गया।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला:

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। प्रदूषण कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई होगी। काउंसिल ने कहा, “पिछले कुछ सालों में एक्यूआई का स्तर बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। यहां तक कि जो लोग फिट हैं वह भी बीमार पड़ रहे हैं। पंजाब में पराली जलाने के मामले में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जिस वजह से स्थिति और खराब हो गई है। हम सुप्रीम कोर्ट से इस पर आज या कल सुनवाई करने का अनुरोध करते हैं क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन का अधिकार शामिल है।”