आपराधिक घटनाओं का वीडियो हुआ वायरल तो अधिकारियों पर गिरेगी गाज

नई दिल्ली।
आए दिन राजधानी दिल्ली में होने वाली सनसनीखेज आपराधिक वारदातों के वीडियो वायरल होने से नाराज़ दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने सभी जिला के डीसीपी को सख्त निर्देश दिए हैं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि ऐसे वीडियो वायरल होने पर डीसीपी और एसएचओ की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने हाल ही में जारी किए गए आदेश में कहा है कि बीते दिनों कई गंभीर अपराधों के सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गए थे। इससे एक तरफ जहां पीड़ित की निजता खतरे में पड़ती है, तो दूसरी तरफ आरोपी की शिनाख्त परेड कराना भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि वीडियो के लीक होने का सबसे बड़ा कारण है, वारदात के बाद सीसीटीवी फुटेज लेने वाले पुलिसकर्मी द्वारा उस डीवीआर को जब्त नहीं करना। दिल्ली सीपी संजय अरोड़ा के मुताबिक आपराधिक मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मी फुटेज को विभिन्न वाट्सएप ग्रुप में डालकर आरोपी की पहचान का प्रयास करते हैं। इस क्रम में पुलिसकर्मी अपने मुखबिरों को भी फुटेज भेजकर आरोपी की पहचान करवाने की कोशिश करते हैं। हालांकि, इससे अपराध की काफी घटनाओं को सुलझाने और अपराधियों को पकड़ने में मदद भी मिलती है, लेकिन इन सबके बीच यह फुटेज लोगों के बीच वायरल हो जाती हैं। जिसे रोकना जरूरी है।
सीपी की तरफ से निर्देश दिया गया है कि अपराध के बाद सीसीटीवी को सीज किया जाए। इसमें दिख रहे आरोपी की तस्वीरें निकाली जाए और उन्हें पुलिस की विभिन्न टीमों और मुखबिरों को पहचान के लिए दिया जाए। ऐसा करने से आरोपी की पहचान भी हो जाएगी और वीडियो भी वायरल नहीं होगा।
यही नहीं उन्होंने एसएचओ को फुटेज के वायरल होने से रोकने के आदेश देते हुए कहा कि जांच के लिए आने वाली विभिन्न यूनिट जैसे स्पेशल स्टाफ, क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल को भी वह केवल स्क्रीनशॉट ही उपलब्ध कराएं। वहीं जांच करने वाली यूनिट भी थाने की पुलिस से फुटेज नहीं मांगेगी। इस आदेश का पालन करवाने की जिम्मेदारी जिला और यूनिट डीसीपी की होगी।