जी-20 के कार्य समूह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना की पहली बैठक चंडीगढ़ में हुई

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर और पशुपति कुमार पारस ने किया 2 दिवसीय बैठक का उद्घाटन

गरीब और कमजोर देशों को अधिकतम सहायता प्रदान करने के तरीके खोजने पर हुई चर्चा

चंडीगढ़, 30 जनवरी:- भारत की अध्यक्षता में सोमवार को यहां जी-20 के कार्य समूह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना की पहली बैठक शुरू हुई। दो दिवसीय बैठक का उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने किया।

बैठक के पहले दिन दो सेशन के साथ ही एक साइड इवेंट आयोजित किया गया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना की स्थिरता और सामंजस्य को बढ़ाने के तरीकों और 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए इसे कैसे योग्य बनाया जाए, इस पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान चर्चा, संयुक्त रूप से वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा और साथ में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह के सह-अध्यक्षों, फ्रांस और दक्षिण कोरिया द्वारा संचालित की गई। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह का उद्देश्य कमजोर देशों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करना है। दो दिन तक चलने वाली बैठकों में भाग लेने के लिए जी-20 के सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के करीब 100 प्रतिनिधि चंडीगढ़ पहुंचे हैं। बैठक में गरीब और कमजोर देशों को अधिकतम सहायता प्रदान करने के तरीके खोजने पर भी जोर दिया गया। इस दौरान ‘सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्राएं (सीबीडीसी): अवसर और चुनौतियां’ नामक जी-20 का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य देश के अनुभवों को साझा करना और सीबीडीसी के वृहत् यथोचित निहितार्थों की गहरी समझ विकसित करना है। इससे पहले, शहरभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जो भारत की अध्यक्षता के तहत जी-20 कार्यक्रमों में व्यापक ‘जन-भागीदारी’ और रुचि का संकेत देते हैं। विदेशी प्रतिनिधि पंजाब और हरियाणा के पारंपरिक हस्तशिल्प की प्रदर्शनी देख मंत्रमुग्ध हो उठे। पंजाब की स्थानीय कढ़ाई फुलकारी एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी रही। चूंकि 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज के तौर पर मनाया जा रहा है, इसलिए आयोजन स्थल पर सभी प्रतिनिधियों को पौष्टिकता से भरपूर बाजरा हैम्पर भी भेंट किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि विज्ञान व नवाचार से भारत का विकास तेजी से हो रहा है, ये दोनों भारत के भविष्य के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। हमने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है। वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल में वित्तीय समावेशन, धारणीय ऊर्जा की ओर गमन में हमारा उल्लेखनीय योगदान रहा है और विकास की जन-केंद्रितता हमारी राष्ट्रीय रणनीति का आधार है। यह वही दर्शन है, जो हमारी जी-20 की अध्यक्षता का विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ को भी रेखांकित करता है।

वहीं केंद्रीय मंत्री पारस ने कहा कि भारत का प्रयास रचनात्मक बातचीत को सुविधाजनक बनाना, ज्ञान साझा करना और एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण व समृद्ध विश्‍व के लिए सामूहिक आकांक्षा की दिशा में एक साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जी-20 की भारतीय अध्यक्षता में अब तक की प्रगति को आगे बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि आज अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना तीव्र चुनौतियों का सामना करने व असुरक्षित समूहों को अधिकतम सहायता प्रदान करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित रहें।