नई दिल्ली।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह पूरा रैकेट फर्जी दस्तावेजों के आधार पर देश के राज्यों में स्थित अस्पतालों में चलाया जा रहा था। क्राइम ब्रांच की टीम ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।
महिला से ठगी के बाद आई शामत:
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस सिंडिकेट का भंडाफोड़ के एक महिला की शिकायत के बाद हुआ। जिसमें महिला ने संदीप और विजय कुमार कश्यप उर्फ सुमित के खिलाफ शिकायत दी कि उन्होंने किडनी प्रत्यारोपण के बहाने उसके पति से ₹35,00,000/- की धोखाधड़ी की है।
जिसके बाद जिसके बाद टेक्निकल सर्विलांस की मदद से संबंधित पात्रों की पहचान की गई और एसीपी/आईएससी इंस्पेक्टर रमेश लांबा, सत्येंद्र मोहन, इंस्पेक्टर पवन और महिपाल के नेतृत्व में टीम गठित की गई और कई जगहों पर टीमों ने छापेमारी की। जिसमें आरोपी सुमित उर्फ विजय कश्यप को नोएडा से गिरफ्तार किया गया। सुमित लखनऊ का रहने वाला है। उसके कब्जे से बहुत सारे फर्जी कागजात, स्टांप सील और रोगी/दाता फाइलें बरामद की गईं। इसके बाद 28 जनू को, संदीप आर्य और देवेंद्र को गोवा के एक फाइव स्टार होटल से गिरफ्तार किया गया। दोनों उत्तराखंड के रहने वाले हैं।
5 राज्यों में फैला था जाल:
डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि गैंग दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में सक्रिय था। इस गैंग सरगना समेत कुल 15 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है जोकि इस पूरे रैकेट का संचालन कर रहा था। इन सभी में किंगपिन के साथ अस्पतालों के ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर, मरीज और डोनर्स शामिल हैं। इनके पास से पुलिस ने 34 नकली टिकटें, 17 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 9 सिम, 1 लग्जरी कार, ₹1,50,000, जाली दस्तावेज और मरीजों/रेसीपिएंट्स और डोनर्स की फाइलें बरामद की हैं।
पहले जॉब फिर फैलाते थे जाल:
पुलिस ने पूंछताछ में पता चला कि इस गैंग के मेंबर पहले नामी अस्पतालों में ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर के रूप में जॉब हासिल करते थे और फिर इससे जुड़ी तमाम जानकारी हासिल कर दिल्ली सहित कई राज्यों में सोशल मीडिया के जरिए ग्राहक तलाशते थे। बताया जा रहा है कि ये लोग डोनर को 5 से 6 लाख रुपए देते थे।
5 मरीजों और 2 डोनर्स की हुई पहचान:
पूंछताछ में पता चला कि ये गैंग कई राज्यों के लगभग 11 नामी अस्पतालों में ट्रांसप्लांट को अंजाम दे चुके हैं। इनकी निशानदेही/पहचान पर 5 सहयोगियों जिनमें पुनित कुमार, मोहम्मद हनीफ शेख, चीका प्रशांत, तेज प्रकाश और रोहित खन्ना उर्फ नरेंद्र प्रमुख रूप से शामिल हैं, उनको अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले 5 मरीजों और 2 डोनर्स की पहचान की गई है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। अब तक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट के 34 मामले पहचाने जा चुके हैं और आगे भी जांच जारी है।
कुछ दिन पहले भी हुआ था खुलासा:
बता दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पिछले दिनों 9 जुलाई को एक इंटरनेशनल किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भी भंडाफोड़ किया था जिसमें ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट एक किडनी डोनर से 4 से 5 लाख रुपए में किडनी लेते थे और रिसीवर को 20 से 30 लाख रुपए में देते थे। इसमें जाने-माने अस्पतालों की एक महिला डॉक्टर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।