नई दिल्ली।
दिल्ली स्थित एम्स ने ब्रेन स्ट्रोक से प्रभावित मरीजों की बोलने की क्षमता के इलाज के लिए नई थेरेपी शुरू की है। देसी म्यूजिक थेरेपी के मॉड्यूल को आईआईटी दिल्ली की मदद से तैयार किया गया है। इसमें मरीजों का देसी म्यूजिक के जरिये इलाज किया जाएगा। इस मॉड्यूल के क्षमता की प्राइमरी स्टडी शुरू की गई है। इस मॉड्यूल में देसी यानी इंडियन म्यूजिक है। मरीज अपने पसंदीदा गाने को थेरपी के रूप में सुनेंगे और साथ में बोलने की क्षमता की रिकवरी भी होगी। इस मॉड्यूल की क्षमता की प्राइमरी स्टडी शुरू करने का ऐलान किया है, ताकि इसके आधार पर आगे की योजना बनाई जा सके।
एम्स की न्यूरोलॉजी विभाग की डॉक्टर दीप्ति विभा ने कहा कि यह योजना ब्रेन स्ट्रोक के बाद बोलने की क्षमता की रिकवरी के लिए बनाई गई है। आज भी स्ट्रोक मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह है। इसकी वजह से अफेजिया होता है, जिसका मतलब यह है कि ब्रेन स्ट्रोक की वजह से मरीज का लैंग्वेज फंक्शन खराब हो जाता है। उन्होंने कहा कि एक्यूट ब्रेन स्ट्रोक के 21 से 38 प्रतिशत मरीजों में यह परेशानी होती है। म्यूजिक थेरपी से बोलने की क्षमता में रिकवरी होती है।
डॉक्टर विभा ने कहा कि वेस्टर्न कंट्रीज में म्यूजिक थेरपी का अपना मॉड्यूल है, लेकिन यह वेस्टर्न म्यूजिक पर बेस्ड है। उनके यहां इस थेरपी से बहुत अच्छी रिकवरी देखी गई है। उन्होंने कहा कि लिट्रेचर में जो है, वह हम भारतीय के लिए नहीं है। डॉक्टर ने कहा कि अभी भी म्यूजिक थेरपी का इस्तेमाल होता है, लेकिन यह सब अनस्ट्रक्चर्ड है। कोई साइंटिफिक फॉर्म्युला नहीं है। इस कमी को दूर करने के लिए हमने इंडियन म्यूजिक को प्रोपर स्ट्रक्चर देते हुए फॉर्म्युला बना लिया है।
उन्होंने कहा कि अब इस फॉर्म्युला की प्राइमरी स्टडी करनी है। इसमें 10 मरीज पर स्टडी होगी। स्टडी में ऐसे मरीजों को शामिल किया जाएगा, जिन्हें पिछले एक साल से ब्रेन स्ट्रोक की वजह से स्पीच की समस्या हो रही है। इसकी सफलता के बाद आगे की स्टडी प्लान की जाएगी, जिसमें मरीजों की संख्या ज्यादा होगी। डॉक्टर विभा ने कहा कि जब अचानक किसी की आवाज चली जाती है तो उनकी जिंदगी खराब हो जाती है। ऐसे में जब मरीज की थोड़ी भी आवाज वापस आती है तो उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ बढ़ जाती है।