:- 17 अप्रैल 1976 को हुई थी नोएडा की स्थापना, आज एशिया के बेहतरीन शहरों में शामिल
नोएडा :- आज नोएडा शहर ने अपना 50वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। 17 अप्रैल 1976 को औद्योगिक विकास के लिए स्थापित यह शहर आज न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की आर्थिक और तकनीकी प्रगति का प्रतीक बन चुका है। पिछले पांच दशकों में नोएडा ने जिस तरह से तरक्की की है, उसने आज नोएडा को देश ही नहीं एशिया के विकसित देशों की सूची मे लाकर खड़ा कर दिया है ।
इमरजेंसी के समय में तैयार हुआ ब्लूप्रिंट
साल 1975 देश में आपातकाल का दौर था। राजनीतिक अस्थिरता के बीच सरकार ने औद्योगिक विस्तार की योजना बनाई और यमुना-हिंडन सीमा क्षेत्र को ‘ओखला इंडस्ट्रियल एरिया’ घोषित कर दिया गया। फिर 1976 में न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (NOIDA) की स्थापना की गई। इसी अथॉरिटी के नाम पर इस क्षेत्र का नाम नोएडा रखा गया।
कैसे हुई नोएडा की स्थापना?
नोएडा (न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) की नींव 1970 के दशक में रखी गई थी, जब दिल्ली की बढ़ती आबादी और औद्योगिक जरूरतों को देखते हुए एक नए शहर की आवश्यकता महसूस हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने यमुना-हिंडन-दिल्ली बॉर्डर क्षेत्र को विकसित करने का निर्णय लिया और 17 अप्रैल 1976 को औद्योगिक विकास अधिनियम के तहत नोएडा की स्थापना की गई। इस शहर की योजना बनाने का जिम्मा बुलंदशहर के तत्कालीन डीएम धीरेंद्र मोहन मिश्रा को सौंपा गया, जिन्होंने एक साल के अंदर ही नोएडा का ब्लूप्रिंट तैयार कर दिया। शुरुआत में 36 गांवों की जमीन अधिग्रहित कर इस शहर को आकार दिया गया।
औद्योगिक विकास से लेकर आईटी हब तक का सफर
नोएडा ने अपने शुरुआती दिनों में ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के रूप में पहचान बनाई, लेकिन धीरे-धीरे यह शहर भारत के प्रमुख आर्थिक केंद्रों में से एक बन गया। 1990 के दशक में सॉफ्टवेयर और आईटी कंपनियों के आगमन के बाद नोएडा ने देश के प्रमुख टेक हब के रूप में अपनी पहचान बनाई। आज यहां गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, टीसीएस जैसी बड़ी कंपनियों के कार्यालय हैं।
नोएडा का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व
नोएडा का इतिहास सिर्फ 49 साल पुराना नहीं है, इसके आसपास के गांव ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
- दनकौर में गुरु द्रोणाचार्य का मंदिर
- बिसरख में रावण के पिता विश्रवा ऋषि का प्राचीन मंदिर
- रामपुर जागीर (ग्रेटर नोएडा) में क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल का छिपकर रहना
- भगत सिंह ने भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के पास स्थित नलगढ़ा गांव में बम परीक्षण किए थे। यहां आज भी वह ऐतिहासिक पत्थर संरक्षित है, जिससे उन्होंने प्रयोग किया था।
भविष्य की योजनाएं
नोएडा अथॉरिटी ने शहर को और विकसित करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। मेट्रो का विस्तार, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। प्राधिकरण का लक्ष्य है कि नोएडा न केवल भारत बल्कि एशिया का सबसे बेहतरीन शहर बने।
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