दिवाली के बाद NCR में प्रदूषण बेकाबू, क्या है कारण पराली या पटाखे ?

दिल्ली :- दीपावली की रात से ही दिल्ली की आबोहवा बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई जिसे नापने के सारे मापदंड फेल होते नजर आए AQI 999 तक हो गया। दिल्ली में पटाखों पर बैन था इसका कुछ असर भी पड़ा लेकिन पटाखों से आजादी नहीं मिली। परिणाम स्वरूप दिल्ली की आबोहवा जहरीली हो गई। पटाखों के साथ पराली और गाड़ियों के धुआं ने सांस लेना मुश्किल कर डाला। दिल्ली वालों ने यूं तो इस बार पटाखों को लेकर काफी कंट्रोल रखा। धूम धड़ाका भी कम सुनाई दिया मगर ऐसा नहीं दिवाली बिना पटाखों के गुजरी हो

पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार

पर्यावरण विशेषज्ञों की माने तो AQI दिल्ली में बढ़ने का कारण पटाखों के साथ कई अन्य भी हैं । जिसमें वाहनों से निकलने वाला धुआं आसपास के राज्यों में पराली जलने से आने वाला धुआं साथ ही हवा की धीमी रफ्तार या कूड़ा जलाना हो। यही प्रमुख कारण है जिससे आज दिल्ली की आबोहवा जहरीली हो गई है ।

AQI से समझो कब है खतरा

0 से 100 = सुरक्षित
100 से 200 = मध्यम
200 से 300 = खराब
300 से 400 = बेहद खराब
400 से ऊपर = खतरनाक

प्रदूषण के सेहत पर बड़े खतरे

:- आंखों में जलन होना
:- प्रदूषण से फेफड़ों पर असर पड़ता है
:- प्रदूषण से नाक और कान में जलन शुरू हो जाती है
:- प्रदूषण से स्किन से जुड़ी परेशानी भी हो सकती है
:- प्रदूषण हमारे नर्वस सिस्टम पर भी असर करता है
:- प्रदूषण हमारे डिप्रेशन की भी एक वजह बन सकता है
:- प्रदूषण से सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होती है

प्रदूषण लोगों की सेहत को और भी कई अन्य नुकसान पहुंचा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दो-तीन दिनों में हवा की गति बढ़ने से हालातों में कुछ सुधार आएंगे पर यह स्थाई समाधान नहीं है

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