Delhi News : 250 टन कबाड़ से बना ‘आजादी का अमृत महोत्सव पार्क


नई दिल्ली :- राजधानी दिल्ली के आईटीओ स्थित शहीदी पार्क में बने देश का पहला मैदानी संग्रहालय अब आम जनता के लिए खुल चुका है। एलजी वी.के. सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उद्घाटन के बाद ये पार्क चर्चा में है। दिल्ली नगर निगम द्वारा विकसित किए गए इस पार्क को ‘वेस्ट-टू-वंडर थीम’ के तहत बनाया गया है, जिसमें देश की धरोहरों, संस्कृतियों और मूल्यों को प्रदर्शित करने वाली प्रतिकृतियां की स्थापना की गई है। इस पार्क को देश के उन वीरों और प्रसिद्ध हस्तियों को समर्पित किया गया है, जिहोंने देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए विभिन्न कालखंडों में अपनी जान तक कुर्बान कर दी। पार्क में उन महान शख्सियतों की मूर्तियों को भी स्थापित किया गया है।


आपको बता दें कि यह पार्क 250 टन कबाड़ से तैयार किया गया एक थीम बेस्ड पार्क है। दिल्ली में इस तरह का थीम आधारित यह तीसरा पार्क है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के तीनों पार्क अलग-अलग थीम पर आधारित हैं। जैसे वेस्ट टू वंडर पार्क में दुनिया के सात अजूबे दिखाई देंगे, वहीं भारत दर्शन पार्क में देश के चुनिंदा स्मारकों और इनके बारे में रोचक जानकारियां मिलेंगी। जबकि एमसीडी ने इस शहीदी पार्क में देश के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया है, जिसे बनाने में लोहे का खराब सामान, बिजली के पुराने खंभे, पुरानी कारें, ऑटो मोबाइल पार्ट्स आदि के कबाड़ का इस्तेमाल किया गया है। यह पार्क भारत के इतिहास को बताने के साथ साथ उसे दर्शाता भी है। यहां 10वीं सदी से 65000 सालों तक के इतिहास को देखा जा सकता है, जहां पर सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य, महाराणा प्रताप, पेशवा से लेकर स्वाधीनता संग्राम तक का इतिहास कलाकृतियों के माध्यम से दर्शाया गया है।

6 महीने में 700 कारीगरों ने किया तैयार:
बता दें कि पार्क में लगी मूर्तियों का निर्माण महज 6 महीनों में किया गया है, जिसे 10 उत्कृष्ट कलाकारों के साथ 700 कारीगरों ने मिलकर बनाया है। मूर्तियों को बनाने में लगभग 250 टन स्क्रैप का उपयोग किया गया है। पार्क में 93 टूडी मूर्तियों और 20 थ्रीडी मूर्तियों सहित 09 सेट और 3 गैलरी विकसित की गई हैं। वहीं पार्क की सुंदरता बढ़ाने के लिए चंपा, कचनार, फाइकस एसपीपी, सिंगोनियम आदि जैसे लगभग 56 हजार पेड़ और झाड़ियाँ लगाई गई हैं।