नई दिल्ली।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद केंद्र और दिल्ली सरकार राजधानी दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण करने में पूरी तरह विफल रही है, क्योंकि दोनों सरकारें प्रदूषण खत्म करने के लिए कार्यवाही करने की बजाय बारिश होने के भरोसे पर अधिक रहते हैं। उन्होंने कहा कि 22 नवंबर को जारी सूची में दुनिया में दिल्ली विश्व के प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर पर शामिल है।
अरविंदर लवली ने कहा कि पिछले कई हफ्तों से वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है, फेफड़े, हृदय और आंखों की बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं और अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार ने जहरीली हवा को नियंत्रित करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है।
ग्रेप फोर हटने के बाबजूद ग्रेप थ्री के नियमों का पालन करवाना सरकारों की जिम्मेदारी है। प्रदूषण का स्तर पिछले चार दिनों से बढ़ रहा है। डीजल वाहनों की एंट्री बंद रखने के साथ बीएस 3 और बीएस 4 गाड़ियों के 20000 रुपये का भारी भरकम चालान कर जनता को परेशान कर रहे हैं। जबकि सरकार ने खुद इन वाहनों को प्रदूषण से पास कर रखा है। उन्होंने कहा कि कन्स्ट्रक्शन निर्माण कार्यों पर अभी भी रोक के कारण मजदूर, श्रमिक व अन्य लोगों के रोजी रोटी पर असर पड़ रहा है, जिसके केंद्र और दिल्ली सरकार बराबर की जिम्मेदार है।
लवली ने कहा कि दमघोटू खतरनाक प्रदूषण के कारण दिल्ली के अस्पतालों में मरीज की संख्या लगातार बढ़ रही है। विश्व में आज दिल्ली की पहचान दमघोटू प्रदूषण वाले शहर के रुप में हो रही है। जबकि कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में स्वच्छ पर्यावरण और ग्रीन सिटी का अवार्ड अमेरिका से मिला था। मौजूदा सरकारों ने अपनी जिम्मेदारी को कभी नही निभाया और दोनों दलों की आरोप प्रत्यारोप की राजनीति के चलते दिल्ली को गैस चैंबर बन गई है।
ये हैं टॉप 10 प्रदूषित शहर:
साल 2022 में किए गए एक सर्वे में दुनिया के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों पहले नंबर पर काशगर चीन, दूसरे नंबर पर नई दिल्ली भारत, तीसरे नंबर पर गाजियाबाद भारत, चौथे नंबर पर बेगुसराय भारत, पांचवें नंबर पर नोएडा भारत, छठे नंबर पर फरीदाबाद भारत, सातवें नंबर पर लाहौर पाकिस्तान, आठवें नंबर पर सहरसा भारत, नौवें नंबर पर बीरगंज नेपाल और दसवें नंबर पर पटना भारत का नाम शामिल है।