आंगनबाडी केंद्रों पर पूरक पोषाहार की आपूर्ति के लिए ईओआई आमंत्रित

महिला एवं बाल विकास विभाग ने दिल्ली के सभी 11 जिलों के आंगनबाडी केंद्रों पर पूरक पोषाहार की आपूर्ति के लिए ईओआई आमंत्रित किया

नई दिल्ली:- दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली के सभी 11 जिलों के आंगनवाड़ी केंद्रों पर महिलाओं और बच्चों को पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अंतर्गत पका हुआ भोजन व  टेक-होम राशन देने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ़ इंटरेस्ट (EOI) आमंत्रित करने को मंजूरी दे दी है। ईओआई दिशानिर्देशों में निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले सभी स्वयं सहायता समूह (SHGs) तथा स्थानीय महिलाओं की भागीदारी के साथ बड़ी रसोई और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को स्थापित करने और संचालित करने के लिए संसाधन रखने वाले सभी संगठन इस आमंत्रण में भाग ले सकते हैं। मौजूदा प्रणाली 15 साल पुरानी है और मुख्य रूप से गैर-लाभकारी संगठनों(NPOs) द्वारा संचालित है और ज्यादातर मामलों में, उनके द्वारा नियुक्त महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के रूप में विकसित होने के बजाय केवल अकेली कार्यबल बनी हुई हैं।

बता देें कि गहलोत ने हाल ही में दिल्ली में कई आंगनवाड़ी केंद्रों और रसोई का दौरा किया था। इसके बाद कई बैठकों के बाद, उन्होंने विभाग को स्थानीय स्तर पर स्वयं सहायता समूहों या महिला समूहों की प्रभावी और कुशल भागीदारी सुनिश्चित करने के दिशानिर्देश विकसित करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश के बाद तैयार किया गया दिशा-निर्देश पूरक पोषण की आपूर्ति के लिए देश में संचालित विभिन्न मॉडलों के अध्ययन और विभाग द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति से प्राप्त सिफारिशों पर आधारित हैं। नए दिशानिर्देश पूरक पोषण की आपूर्ति में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सेवाओं की गुणवत्ता, मानकीकृत तंत्र (standardised mechanism), फोर्टिफिकेशन प्रक्रिया, खाद्य लेबलिंग, पैकेजिंग और निगरानी प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

जिला मजिस्ट्रेट पर ये ज़िम्मेदारी:
संबंधित जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति पूरक पोषण कार्यक्रम के प्रभावी कामकाज के लिए विभिन्न हितधारकों के बिच तालमेल सुनिश्चित करेगी। विभाग स्तर पर एक समर्पित परियोजना प्रबंधन इकाई स्थापित की जाएगी जो भागीदारी की निगरानी करेगी और उनसे जुड़े संगठनों और स्वयं सहायता समूहों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करेगी। विभाग द्वारा गठित मुख्यमंत्री आंगनबाडी मॉनिटरिंग कमिटी समय-समय पर योजना अंतर्गत लाभार्थियों के नामांकन हेतु मोबिलाइजेशन एवं पोषाहार वितरण की जांच करेगी।

ये होंगें लाभान्वित:

इस योजना में आंगनबाडी केंद्रों में पंजीकृत 06 माह से 6 वर्ष की आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को शामिल किया गया है। इसके अलावा, पूरक पोषण के अलावा आंगनबाडी केंद्रों पर दी जाने वाली सेवाओं में टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, रेफरल सेवाएं, पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा शामिल हैं। पूरक पोषाहार कार्यक्रम के तहत पूर्व निर्धारित पोषण पैमाने पर गर्म पका हुआ भोजन और घर ले जाने के लिए राशन दिया जाता है। इसका उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करना है।

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