30 नवंबर तक खाली करना होगा अपार्टमेंट
नई दिल्ली।
नोएडा के ट्विन टावर की तरह अब दिल्ली के मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को भी असुरक्षित करार दे दिया गया है , जिसके बाद एलजी ने इसके भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एलजी विनय कुमार सक्सेना ने आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण को सिग्नेचर व्यू के सभी 12 टावर को तोड़कर नए सिरे से बनाने और यहां के रेजिडेंट्स को दुबारा कब्जा मिलने तक रेंट देने का निर्देश दिया है। जिसके बाद डीडीए ने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में रहने वालों को 30 नवंबर तक मकान खाली करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट 2012 में बनने के कुछ महीनों बाद से ही जर्जर होना शुरू हो गया था। लोगों ने इसे लेकर डीडीए से शिकायतें भी की थी, लेकिन इसे लेकर विभाग की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और यहां के फ्लैट्स लगातर जर्जर होते चले गए। अपार्टमेंट के प्लास्टर जगह-जगह से झड़ते और टूटते रहे। आखिरकार लोगों की लगातार शिकायतों के बाद आईआईटी की टीम को अपार्टमेंट की जांच का काम सौंपा गया, जिन्हें अपार्टमेंट में गए सरियों के गलने और सड़ने का पता चला। जिस पर उन्होंने अपार्टमेंट की सभी 12 टावर, जिसमें कुल 336 फ्लैट हैं को अनसेफ घोषित कर दिया और उसे गिराने की सिफारिश की।
डीडीए देगी किराया:
दिल्ली के एलजी के हस्तक्षेप के बाद डीडीए इस अपार्टमेंट को ध्वस्त कर नए सिरे से बनाने को तैयार हुई। इस दौरान एचआईजी फ्लैट मालिकों को 50 हजार जबकि एमआईजी फ्लैट मालिकों को 38 हजार किराया देने के निर्देश एलजी ने डीडीए को दिया। डीडीए ने सभी रेजिडेंट्स को 15 अक्टूबर तक एग्रीमेंट साइन करने को कहा है। उसके बाद 30 नवंबर तक यहां के सभी लोगों को घरों को खाली करना होगा। वहीं, जो लोग फ्लैट के बदले फ्लैट नहीं चाहते हैं, उन्हें डीडीए फ्लैट की कीमत, 10.6 प्रतिशत इंटरेस्ट और स्टाम्प ड्यूटी के साथ देगी। इसे बनाने वाली कम्पनी का चयन भी किया जा चुका है, जो यहां पर 168 अतितिक्त फ्लैट बनाएगी और उसे बेच कर अपना खर्चा निकालेगी।