दिल्ली : सिख धर्म में गुरु पर्व या गुरु पूर्णिमा का बहुत महत्व है। हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है।
गुरु नानक देव का जन्म कब और कहां हुआ?
नानक साहब का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब प्रांत के तलवंडी मैं हुआ था। जो क्षेत्र आज वर्तमान समय में पाकिस्तान में स्थित है। इस जगह को नानक साहिब के नाम से भी जाना जाता है
सिख धर्म के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह जी की यह 552 वी जयंती है। गुरु नानक देव की जयंती पूरे देश विशेषकर सिख समाज में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है इस दिन आयोजित होने वाली सभाओं में गुरु नानक देव की शिक्षाओं के बारे में बताया जाता है साथ ही गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ भी किया जाता है। आज के दिन गुरुद्वारों में पूरे दिन सेवा और भक्ति का संगम चलता है।
गुरु नानक देव द्वारा दिए गए जीवन के संदेश
लगभग 552 साल पहले गुरु नानक देव जी ने जो संदेश व शिक्षा दी वह आज भी लोगों को सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती है। उनके अनुयाई इन्हें नानक और नानक देव,बाबा नानक और नानक शाह जी जैसे नामों से संबोधित करते हैं गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातः प्रभात फेरी निकाली जाती है और गुरुद्वारों में लंगर कीर्तन का आयोजन किया जाता है। सिख धर्म के लोग इस दिन को एक त्यौहार के तौर पर मनाते हैं
नानक साहब की 10 शिक्षाएं
1- परम-पिता परमेश्वर एक है.
2- हमेशा एक ईश्वर की साधना में मन लगाओ
3- दुनिया की हर जगह और हर प्राणी में ईश्वर मौजूद हैं.
4- ईश्वर की भक्ति में लीन लोगों को किसी का डर नहीं सताता.
5- ईमानदारी और मेहनत से पेट भरना चाहिए.
6- बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न ही किसी को सताएं.
7- हमेशा खुश रहना चाहिए, ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा याचना करें.
8- मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरत मंद की सहायता करें.
9- सभी को समान नज़रिए से देखें, स्त्री-पुरुष समान हैं.
10 – भोजन शरीर को जीवित रखने के लिए आवश्यक है. परंतु लोभ-लालच के लिए संग्रह करने की आदत बुरी है