रात में कर्फ्यू, दिन में राजनीतिक रैलियां

उत्तर प्रदेश :- देश में ओमिकॉन और कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच देश के उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव भी एक चुनौती बना हुए हैं। हालांकि राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में नाइट कर्फ्यू और पाबंदियां बढ़ाई हैं। मगर वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक दलों की होने वाली रैलियों में लाखों की भीड़ इकट्ठा हो रही है जिससे करोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है

राजनैतिक रैलियों और रोड शो में नहीं हो रहा करोना नियमों का पालन

जहां तक एक तरफ केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार करोना महामारी पर गंभीर दिखाई देती है वहीं दूसरी तरफ चुनावी प्रदेशों में लगातार बड़ी-बड़ी रेलिया हो रही है जहां भारी संख्या में लोग इकट्ठे भी हो रहे हैं जो कोरोना वायरस विस्फोट का एक बड़ा कारण बन सकते हैं
चाहे भारतीय जनता पार्टी हो या समाजवादी पार्टी या कोई अन्य दाल कोई भी करोना गाइडलाइन का पालन करते नहीं दिखाई दे रहा है यहां हम आपको बता दें कि कुछ राज्यों ने जहां पाबंदियों के नाम पर जिम स्पा मल्टीप्लेक्स मॉल पार्कों को बंद कर दिया है तो कुछ राज्य बंद करने की तरफ विचार कर रहे हैं मगर इसके विपरीत राजनीतिक रैलियों में लगातार आ रही भीड़ को लेकर कोई भी गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहा है

बीते 24 घंटे में उत्तर प्रदेश में कोरोना का ग्राफ

उत्तर प्रदेश में भी कोरोना की रफ्तार डराने लगी है. उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 992 नए मामले सामने आए हैं. राहत की बात बस यही है कि 24 घंटे के दौरान एक भी मौत की सूचना नहीं है. वहीं, इस दौरान 34 लोग डिस्चार्ज हुए हैं. इस दौरान सक्रिय मामलों की संख्या 3173 है. इससे पहले रविवार को 552 नए केस मिले थे. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, रविवार को गाजियाबाद में सर्वाधिक 130, गौतमबुद्धनगर में 101, लखनऊ में 86, मेरठ में 49 और आगरा में 33 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जबकि एक जनवरी को गाजियाबाद में कोरोना संक्रमितों की संख्या 85, गौतमबुद्धनगर में 61, लखनऊ में 58, मेरठ में 48 और आगरा में उपचाराधीन मरीजों की संख्या छह थी. सोमवार को जहां राज्य में 2,261 उपचाराधीन मरीज हैं वहीं एक जनवरी को उपचाराधीन मरीजों की संख्या सिर्फ 1,211 थी।

शादी समारोह धार्मिक कार्यक्रम मे अधिकतम लोगों की संख्या तय मगर राजनीतिक रैलियों में कोई संख्या तय है नहीं

अधिकतर चुनावी प्रदेशों में कोरोनावायरस को देखते हुए लोगों की संख्या कार्यक्रम के हिसाब से तय की गई है खुले मैदान में 50 फ़ीसदी लोग और बंद जगह पर एक समय में 100 इकट्ठा हो सकते हैं मगर वही चुनावी रैलियों में ऐसा देखने को नहीं मिला है रैलियों और रोड शो में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए लोग दे रहे हैं

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