कांवड़ियों की व्यवस्था होगी चाक-चौबंद


:- दिल्ली में होंगे 175 कैम्प और 10 हज़ार सुरक्षाकर्मी


नई दिल्ली :- कोविड-19 महामारी के कारण कांवड़ यात्रा पिछले दो वर्षों से नहीं हो पा रही थी। अब इस साल 14 जुलाई से 26 जुलाई तक दो साल के अंतराल के बाद शिवभक्तों की यह यात्रा आयोजित होने जा रही है।इसके लिए दिल्ली सरकार ने भी अपनी कमर कस ली है। नतीजतन दिल्ली सरकार कांवड़ियों की सुविधा के लिए 175 शिविर स्थापित करवाएगी, ताकि कांवड़ यात्रा 2022 के दौरान उन्हें कोई असुविधा ना हो।

दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने कावड़ यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए उठाए कदम


दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार इस बाबत दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कांवड़ियों की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं। बैठक में संभागीय आयुक्त, 11 राजस्व जिलों के जिलाधिकारियों और स्वास्थ्य और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सरकार कांवड़ियों के लिए 175 शिविर लगवाएगी। वहीं बीते दिनों उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने भी कहा था कि राज्य में आगामी कांवड़ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जाएगी और सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे।

इस बार बढ़ सकती है भीड़


पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कोविड प्रतिबंध हटने के बाद गतिविधियों को फिर से शुरू करने के बाद, आयोजनों में भीड़ बढ़ गई है और इसलिए, इस बार कांवड़ियों की भारी संख्या में आने की उम्मीद है। पिछले दो वर्षों से प्रतिबंधों के चलते रुकी हुई कावड़ यात्रा इस बार कावड़ियों में नया जोश लिए होगी। ऐसे में इस बार इस यात्रा में भीड़ अनुमान से कहीं अधिक हो सकती है।

कौन होते हैं कांवड़िए


कांवड़िया विशेष रूप से भगवान शिव के भक्त होते हैं,जो अपनी इस यात्रा के तहत अपने क्षेत्रों के शिव मंदिरों में गंगाजल चढ़ाने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार से गंगाजल लेकर आते हैं। इस यात्रा का ज्यादातर हिस्सा कांवड़िए पैदल तय करते हैं।

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