नोएडा में सीबीआई की छापेमारी,एनबीसीसी के पूर्व सीजीएम पर रेड


:- एक करोड़ कैश जब्त, 1 करोड़ 46 लाख रुपए की ज्वेलरी मिली


नोएडा/दिल्ली :- नोएडा में राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम एनबीसीसी के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक सीजीएम डीके मित्तल के सेक्टर 19 स्थित आवास पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और आयकर विभाग आईटी ने छापे मारे। टीम इस बारे में डीके मित्तल से पूछताछ कर रही है। मित्तल नोएडा सेक्टर 19 के ए 182 स्थित आवास में परिवार के साथ रहते हैं। मित्तल के आवास पर आयकर विभाग और सीबीआई ने संयुक्त रूप से छापे मारे हैं। अब तक एक करोड़ रुपए कैश की गिनती हुई है। 1 करोड़ 46 लाख रुपए की कीमत की ज्वेलरी और धातु मिले हैं।

रुपयों की गिनती के लिए लाई गई इलेक्ट्रॉनिक मशीन

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      मित्तल के आवास पर ये छापेमारी कल से ही जारी है। सीबीआई की टीम कल देर रात से ही उनके आवास पर पहुंच गई थी और वहीं डेरा डाल दिया था। एनबीसीसी के पूर्व सीजीएम डीके मित्तल पर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं। इनमें अवैध रूप से कमाई का भी मामला है। इसकी जांच सीबीआई कर रही है। मित्तल आवास से मिले रुपयों और ज्वैलरी का विवरण नहीं दे पा रहे हैं। आयकर अधिकारियों के अनुसार मित्तल के आवास पर बरामद रुपयों की गिनती इलेक्ट्निक मशईनों के जरिये की जा रही है और अभी जारी है। छापे के दौरान सीबीआई और आयकर विभाग की टीम को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो मित्तल के खिलाफ जाते हैं। उन दस्तावेजों के बारे में मित्तल से पूछताछ सीबीआई और आयकर की टीम कर रही है। आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि रात में ही नोट गिनने के लिए दो मशीनें मंगवाई गई थीं। अब एक और मशीन मंगवाई गई हैं। रूपयों की गिनती अभी जारी है। अब तक एक करोड़ रुपए कैश की गिनती हुई है। 1 करोड़ 46 लाख रुपए की कीमत की ज्वेलरी और धातु बरामद किए जा चुके हैं। इनके अलावा संपत्ति के कई दस्तावेज मिले हैं। जिनके बारे में मित्तल से पूछताछ की जा रही है। इस दस्तावेज के बारे में भी मित्तल कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। दिल्ली एनसीआर में सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग का ज्वाइंट ऑपरेशन चल रहा है। कुल 10 ठिकानों पर छानबीन की कार्रवाई की जा रही है।

सीबीआई ने दिल्ली जल बोर्ड और एनबीसीसी के कुल 9 अधिकारियों के खिलाफ  दर्ज की है F.I.R

आरोप है कि एनबीसीसी और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने 2017 में नियमों को ताख पर रखकर 38 करोड़ से ज्यादा के टेंडर को फर्जी तरीके से दिया है।


इन अधिकारियों खिलाफ दर्ज हुई F.I.R
1. जगदीश कुमार अरोरा, चीफ  इंजीनियर, दिल्ली जल बोर्ड  
2. पी के गुप्ता, एसई, दिल्ली जल बोर्ड
3. सुशील कुमार गोयल, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल, दिल्ली जल बोर्ड
4. अशोक शर्मा, असिस्टेंट इंजीनियर, दिल्ली जल बोर्ड
5.रंजीत कुमार, एएओ, दिल्ली जल बोर्ड
6. डी के मित्तल, सीजीएम, एनबीसीसी
7. साधन कुमार, प्रॉजेक्ट एक्जीक्यूटिव, एनबीसीसी
8. एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी

खुफिया अधिकारी ने बुलेट गिफ्ट लेकर कराई थी 2150 करोड़ के ठेके की डील


डीके मित्तल साल 2017 में दिल्ली के प्रगति मैदान के आईपीटीओ कॉम्प्लेक्स में कन्वेंशन सेंटर निर्माण का ठेका एनबीसीसी ने शापूरजी पल्लूनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और शापूरजी पल्लूनजी कतर डब्ल्यूएलएल को 2149.93 करोड़ रुपए में दिया था। मुंबई की कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स, शापूरजी पल्लूनजी से इस ठेके को सब.कॉन्ट्रेक्ट में पाना चाहती थी। इसके लिए कैपेसाइट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय कुलकर्णी ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाले एक प्राइवेट पर्सन ऋ षभ अग्रवाल से संपर्क किया। ऋ षभ अग्रवाल के एक खुफि या अधिकारी प्रदीप मिश्रा से अच्छे ताल्लुकात थे, जो उस वक्त केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर चल रहे थे।
    बिचौलि, ऋषभ ने प्रदीप मिश्रा के जरिये एनबीसीसी में पैंठ बनाई और सब कॉन्ट्रेक्ट के लिए मुंबई की कैपेसाइट कंपनी को राजी कर लिया। 15 दिसंबर 2022 को इस बारे में मीटिंग हुई। एनबीसीसी के तत्कालीन सीएमडी अनूप कुमार मित्तल ने स्पष्ट कह दिया कि पूरा काम या तो संजय कुलकर्णी को मिलेगा, वरना किसी को नहीं मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2150 करोड़ रुपए का ठेका दिलाने के बदले खुफि या विभाग के अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्रा ने एक बुलेट मोटरसाइकिल मांगी थी। सीबीआई ने अपनी एफ आईआर में भी बुलेट बाइक वाली बात स्वीकारी है। प्रदीप मिश्रा का काम सिर्फ  एनबीसीसी और कैपेसाइट कंपनी के अधिकारियों के बीच इस सब। कॉन्ट्रेक्ट को लेकर आपस में मीटिंग कराना था। इस मीटिंग में दोनों के बीच किस प्रकार से ठेके पर सहमति बनी, यह मसला अलग था। 22 दिसंबर 2017 को शिकायत मिलने पर सीबीआई नई दिल्ली ने एनबीसीसी के तत्कालीन सीएमडी अनूप कुमार मित्तल, खुफिया अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्रा पर भ्रष्टाचार का एक केस दर्ज किया था। इसके अलावा गाजियाबाद के बिचौलि, ऋषभ अग्रवाल, कैपेसाइट कंपनी मुंबई के संजय कुलकर्णी, प्राइवेट पर्सन आकाशदीप के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का एक केस दर्ज किया था। इस मामले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी। सूत्रों ने बताया, इस केस की सीबीआइ जांच में एनबीसीसी के पूर्व सीजीएम डीके मित्तल का भी नाम सामने आया। कुछ दिन पहले ही रिटायर हुए डीके मित्तल फि लहाल नोएडा के सेक्टर 19 में रह रहे हैं। इसी आधार पर सीबीआइ की एक टीम ने शुक्रवार रात डीके मित्तल के आवास पर छापा मारा। जब यहां से सीबीआई को भारी मात्रा में कैश,ज्वेलरी मिले। उसके बाद सीबीआई ने इनकम टैक्स को सूचित किया।

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