नई दिल्ली :- दिल्ली में जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है, वैसे ही यहां घरों की भी डिमांड में इजाफा हो रहा है। इसको देखते हुए दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए) ने एक बार फिर लैंड पूलिंग पॉलिसी योजना शुरू की है। इसके तहत डीडीए ने फिर लोगों की सहूलियत के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की है। दिल्ली वालों के लिए इससे फायदा हो सकता है। अब इच्छुक लोग इसके तहत अपने आवेदन 25 अगस्त तक जमा करवा सकते हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी ने हाल ही में लैंड पूलिंग पॉलिसी के तीन सेक्टरों के लिए अंतरिम प्रोविजनल नोटिस जारी किया था। जिसमें इन तीन सेक्टरों के लिए कंसोर्टियम बनाने की बात कही गई थी। इसके लिए जमीन मालिकों को अगस्त के अंत तक कंसोर्टियम बनाना है। राजधानी में घरों की बढ़ती डिमांड की वजह से लैंड पूलिंग पॉलिसी को 2018 के अंत में नोटिफाई किया गया था, लेकिन इस पॉलिसी के तहत अब भी काम शुरू नहीं हो पाया है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इसमें 70 प्रतिशत जमीन कंटीजियस यानी एक साथ लगी हुई होनी चाहिए। एक जगह एक साथ जमीन नहीं होना इस पॉलिसी में अड़चन बनी हुई है।
क्या है लैंड पूलिंग पॉलिसी
लैंड पूलिंग पॉलिसी के मुताबिक जिन लोगों के पास अपनी जमीन है या ऐसे लोगों का समूह डीडीए से मिलकर लैंड पूलिंग स्कीम के तहत रजिस्टर्ड हो सकते हैं और उन जमीन पर फ्लैट्स बनाकर बेच सकते हैं। सेक्टर के लिए 70 पर्सेट जमीन एकसाथ होना जरूरी है। न्यूनतम 2 हेक्टेयर जमीन इस स्कीम के तहत होनी चाहिए। सेक्टर के लिए 250 से 400 हेक्टेयर जमीन का होना जरूरी है। नियम और गाइडलाइंस डीडीए की रहेंगी।
प्रोपर्टी में आएगा उछाल
पॉलिसी के मंजूर होते ही सबसे अधिक असर प्रॉपर्टी बाजार में देखने को मिलेगा। इससे सोसायटियां और फ्लैट्स बनने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। पहले ही इस पॉलिसी के नाम पर 110 सोसायटियों में बुकिंग हो चुकी है।
बिजली और पानी की रहेगी चुनौती
पॉलिसी की सबसे बड़ी चुनौती पानी और बिजली ही है, क्योंकि इसके तहत 17 लाख घरों का निर्माण होना है जिसके लिए पानी का इंतजाम दिल्ली के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा। वहीं दिल्ली में बिजली का इंतजाम करना भी बड़ी चुनौती रहेगा।