नई दिल्ली:- राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जाम और जगह जगह सड़कों पर लगी बेरिकेडिंग से दिल्लीवासी खासे परेशान रहते हैं। अब इस परेशानी पर दिल्ली पुलिस को दिल्ली हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए टिप्पणी करते हुए कहा है कि सड़कें परिवहन के लिए होती हैं,न कि रास्तों को रोके जाने के लिए।
दरअसल हाईकोर्ट ने मानवरहित बैरिकेड के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र पर स्वत: संज्ञान लिया था। इस पत्र में दिल्ली पुलिस की तरफ से ट्रैफिक पीक टाइम पर लगाए जाने वाले मानवरहित बैरिकेड का विरोध किया गया था। इसे लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के सीनियर अफसर को कोर्ट में तलब भी किया था। इस मामले में न्यायमू्र्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने सुनवाई की। पत्र में शिकायत की गई थी कि शाम के व्यस्त समय में पुलिसकर्मी सड़कों पर बैरिकेड लगाते हैं और यातायात नियंत्रण पर ध्यान दिए बिना एक तरफ खड़े रहते हैं।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि एक मानवरहित बैरिकेड भी एक बड़े यातायात जाम का कारण बनता है। पुलिस को फटकार लगाते हुए पीठ ने कहा, जिसे भागना होता है, वो वैसे भी आपको चकमा देने में कामयाब हो जाता है। आप क्या सभी रास्तों को बंद करके यातायात को मैनेज करते हैं। ऐसे में अगर किसी को मेडिकल इमरजेंसी हो तो उसे पहले आधा घंटा उस रास्ते को पार करने में लगाना होगा। जिससे मरीज का वक्त पर अस्पताल पहुंचना संभव नहीं होगा। शाम छह बजे जब ट्रैफिक अपने चरम पर होता है तो आप ये बैरिकेड लगा देते हैं और सड़कों को अवरुद्ध कर देते हैं। वहीं पीठ ने कहा विशेष पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था) सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट के साथ पेश होंगे। मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच सितंबर की तारीख तय की गई है।