नुपुर शर्मा विवाद पर खाड़ी देशों की नाराजगी पर गंभीर भाजपा, आखिर क्यों मजबूर है भारत खाड़ी देश के आगे?

:- नुपुर शर्मा विवाद पर खाड़ी देशों की नाराज़गी पर गम्भीर भाजपा

 नई दिल्ली :- भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने दो प्रवक्ताओं नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) और नवीन जिंदल (Navin Jindal) के खिलाफ कार्रवाई कई खाड़ी देशों (Gulf Countries) के आक्रोश के बाद की। खाड़ी देशों  से भारत के संबंध अहम है। इसलिए भारत सरकार इन देशों की नाराजगी को संजीदगी से ले रही है। क्रूड ऑयल जैसी अहम चीज़ दुनिया के किसी भी देश की अर्थव्यवस्था हिलाने के लिए काफी है। इन देशों से शायद ही कोई देश दुश्मनी या नाराजगी लेने की हिम्मत कर पाएं। ऐसे में भारत का हाल भी कुछ इसी तरह है।

 बड़बोले नेताओं ने बढ़ाई भारत की राजनयिक मुश्किलें

पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर विवादित टिप्पणी करने को लेकर रविवार को  बीजेपी (BJP) ने अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को सस्पेंड और दिल्ली के प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया। बीजेपी ने यह कदम तीन खाड़ी देशों के भारतीय राजदूतों को उनके दूतावास में बुलाकर उनसे इस मामले पर नाराजगी जाहिर करने और सार्वजनिक माफ़ी की मांग के बाद उठाया। केंद्र सरकार का अपने महत्वपूर्ण मेंबर्स के खिलाफ उठाया गया यह कदम ये बताने के लिए काफी है कि खाड़ी देशों के लिए भारत के लिए क्या अहमियत है? यहूदी देश इसराइल को छोड़ दिया जाए तो खाड़ी क्षेत्र के 10 अन्य क्षेत्रों जिसमें सऊदी, अरब, कतर, ईरान, इराक, बहरीन, कुवैत, यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE), ओमान, जार्डन और यमन एक साथ दुनिया की मुस्लिम आबादी के पांचवे हिस्से का प्रतिनिधित्व करती है।

भारत के लिए ये देश हैं महत्वपूर्ण

भारत ने सदियों से ईरान और कतर जैसे देशों के साथ अच्छे संबंधों का आनंद लिया है। खाड़ी क्षेत्र में ये भारत के सबसे करीबी मैत्रीपूर्ण सहयोगी संबंध वाले देश रहे हैं। हालांकि भारत खाड़ी क्षेत्रों के अधिकांश देशों के साथ भी अच्छे संबंध रखता है। इन देशों के बीच इस तरह के संबंधों होने की दो मुख्य वजह हैं। पहली- तेल, गैस, व्यापार. दूसरी- भारतीयों का बहुत बड़ी संख्या में इन देशों में काम करना और यहां से भारत को पैसा भेजना।

भारत का व्यापार

रियाद में भारतीय दूतावास के मुताबिक दि गल्फ कॉरपोरेशन काउंसिल जिसमें यूएई (UAE), बहरीन, सऊदी अरब, ओमान कतर और कुवैत शामिल हैं। इस काउंसिल के सदस्य देश भारत के मेजर ट्रेडिंग पार्टनर के तौर पर उभरे हैं और भविष्य में इसे भारत के सबसे बड़े और ताकवर निवेश सहयोगी (Investment Partner ) तौर पर देखा जा सकता है। भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए GCC के प्रचुर मात्रा के प्राकृतिक गैस भंडार और तेल सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। साल 2021-22 में यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है और आयात ($45 बिलियन) और निर्यात ($ 28 बिलियन) के मामले में दूसरा सबसे बड़ा पार्टनर है। बीते वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत के साथ यूएई का कुल 6.6 फीसदी निर्यात और 7.3 आयात का कारोबार हुआ था। कोरोना काल के बाद भी भारत और यूएई का व्यापार बीते साल से अब तक 68.4 फीसदीी रहा है। वहीं सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। बीते वित्त वर्ष में 42.1 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ। भारत इस देश से सबसे अधिक मात्रा में क्रूड ऑयल का आयात करता है। जो बीते साल चौथा सबसे बड़ा 34.1 बिलियन डॉलर आयात रहा। उधर इराक की बात की जाए तो यह बीते वित्त वर्ष में 34.3 बिलियन डॉलर का भारत का पांचवा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। कतर के साथ कुल ट्रेड 15 बिलियन डॉलर का रहा। यह देश भारत को नेचुरल गैस सप्लाई करने वाला बेहद अहम पार्टनर है। देश के उपराष्ट्रपति वेकेंया नायडू ने बीते वींकेंड पर रविवार को कतर में अपने कूटनीतिक दौरे के दौरान कहा था कि भारत अपने कुल नेचुरल गैस का 41 फीसदी आयात के लिए कतर पर निर्भर करता है।

कितना तेल करता है भारत आयात

ऑब्जरर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अप्रैल में किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक भारत के 84 फीसदी पेट्रोलियम की मांग जिसमें क्रूड ऑयल और पेट्रोलियनम प्रोडेक्ट भी शामिल हैं वो आयात से पूरी होती है। भारत ने 2021-22 में 42 देशों से क्रूड ऑयल आयात किया था। लगातार 15 सालों पर्शियन गल्फ कंट्री से भारत का क्रूड ऑयल का आयात 60 फीसदी ही रहा है। इसमें कोई कमी नहीं दर्ज की है। दशकों से सऊदी अरब से भारत का 17 से 18 फीसदी क्रूड ऑयल होता रहा है। साथ ही कुवैत और यूएई भी हमेशा से भारत में मुख्य क्रूड ऑयल आयात करने वाले देश हैं। साल 2009-2010 ईरान भारत में क्रूड ऑयल का आयात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है।

खाड़ी देशों में नौकरी कर रहे भारतीय

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 13.46 मिलियन भारतीय नागरिक विदेशों में काम करते हैं। अगर इसमें वो नागरिक भी जोड़ दिए जाएं जो दूसरे देशों की नागरिकता ले चुके हैं तो ये आकंड़ा 32 मिलियन तक पहुंच जाता है। अगर केवल 13.4 मिलियन NRI को गिना जाए तो सबसे अधिक भारतीय खाड़ी देशों में ही रहते हैं। यूएई में 3.42 मिलियन, सऊदी अरब में  2.6 मिलियन, कुवैत में 1.03 मिलियन भारतीय रहते हैं। रिर्जव बैंक के मुताबिक साल 2016-17 में भारत में आए कुल 69 बिलियन डॉलर रेमिटेंस (पैसे की आवाजाही) 50 फीसदी से भी अधिक GCC देशों से आया है। 

 प्रधानमंत्री का रहा है विशेष ध्यान

साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी खाड़ी देशों पर स्पेशल फोकस है। वह तब से ही इस क्षेत्र के देशों से अपने रिश्ते बढ़ाने की तरफ ध्यान देते रहे हैं। साल 2019 दिसंबर की रैली में वह कह चुके हैं कि मोदी को मुस्लिम देशों से इतना सहयोग क्यों मिल रहा है। उन्होंने कहा था ये इसलिए है कि आज भारत के इतिहास में खाड़ी देशों के साथ देश के सबसे बेहतरीन रिश्ते हैं। फिलिस्तीन, ईरान, सऊदी अरब, यूएई. जार्डन के भारत से शानदार रिश्ते हैं। मालद्वीव और बहरीन ने उन्हें अपने देशों के सर्वोच्च नागरिक अवार्ड से सम्मानित किया है।साल 2014 से मोदी कई बार इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने 2015, 2018 और 2019 में यूएई का दौरा किया। साल 2017-18 में अबु धाबी के क्राउन प्रिंस भारत आए थे।

नूपुर के बयान के बाद से अब तक दस बड़ी बातें

1-बीजेपी से सस्पेंड नूपूर शर्मा के खिलाफ जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। मुंबई पुलिस जल्द ही उन्हें पूछताछ के लिए समन भेज सकती है।

2-ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी को लेकर कड़ा रूख अख्तियार किया है। बोर्ड की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई है. जिसमें पैग़ंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) पर अपमानजनक और अशोभनीय टिप्पणी करने वाले बीजेपी नेताओं को पार्टी से सिर्फ निलंबित करने ही नहीं बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए कड़ी सजा की मांग की है।

3- UAE, ओमान, इंडोनेशिया, इराक, मालदीव, जॉर्डन, लीबिया और बहरीन इस्लामिक दुनिया के उन देशों की बढ़ती सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने पैगंबर के खिलाफ बीजेपी नेताओं की टिप्पणी की निंदा की है। पैगंबर मोहम्मद विवाद में कुवैत, ईरान, सऊदी अरब, अफगानिस्तान और पाकिस्तान समेत कई देशों ने पहले ही विरोध जताया था। इस सूची में करीब 15 देश भारत से अपना विरोध जता चुके हैं।

4- कुवैत (Kuwait) के डिपार्टमेंटल स्टोर पर भारतीय उत्पादों के खिलाफ एक नोटिस लगाया गया है। इस नोटिस का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं एक दूसरे वीडियो में भारतीय उत्पादों को स्टोर से हटाया जा रहा है।

5- 57 सदस्यीय इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भी पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। OIC के सचिवालय ने पैगंबर के खिलाफ बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों का हवाला देते हुए भारत में मुस्लिम विरोधी माहौल बनाने की कोशिशों का नाम देने का प्रयास किया।

6- OIC की आलोचना के बाद विदेश मंत्रालय ने भी जवाब दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजेपी के नेताओं की टिप्पणियां किसी भी रूप में भारत सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।

7- भारतीय विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ओआईसी की ओर से निंदा के बाद साफ किया कि भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है. OIC की टिप्पणियों को विदेश मंत्रालय ने गैर जरुरी करार दिया।

8- बीजेपी से सस्पेंड नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए मिल रही धमकियों के लिए नूपुर की शिकायतों पर दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज कर अज्ञात लोगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।

9- नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी को लेकर माफी मांग ली थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, ”मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी, जहां रोजाना मेरे आराध्य शिव जी का अपमान किया जा रहा था। हमारे महादेव के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दीं। अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापिस लेती हूं।

10- पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर विवादित टिप्पणी को लेकर बीजेपी (BJP) पहले ही नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) और नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। नूपुर शर्मा को प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा नवीन कुमार जिंदल को भी पार्टी से निकाला गया है। नवीन कुमार जिंदल दिल्ली बीजेपी के मीडिया हेड की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

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