Up News : उत्तर प्रदेश में हड़ताल पर पाबंदी, बिना वारंट गिरफ्तारी…जानें क्या हैं ESMA

:- यूपी में योगी सरकार ने लागू किया ESMA

:- अगले 6 महीने के लिए उत्तर प्रदेश में हड़ताल करने पर हो सकती है जेल

उत्तर प्रदेश/ लखनऊ :- उत्तर प्रदेश मे योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में 6 महीने के लिए हड़ताल पर पाबंदी लगा दी है। किसान आंदोलन और मौजूदा हालातो को देखते हुए यह योगी सरकार का बड़ा फैसला है। हड़ताल पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने ESMA (एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट) का इस्तेमाल किया है। यह कानून सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों, निगमों और प्राधिकरणों पर लागू होगा। यह कानून अगले 6 महीने तक उत्तर प्रदेश में लागू रहेगा। अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने ESMA के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार ने लोकहित में इसे लागू करने का फैसला लिया है।

अगले 6 महीने के लिए उत्तर प्रदेश में हड़ताल करने पर हो सकती है जेल

ESMA लागू होने के बाद कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध और दंडनीय माना जाता है। पहले भी योगी सरकार हड़ताल को प्रतिबंधित करने के लिए एस्मा का सहारा ले चुकी है।2023 में छह महीने तक के लिए हड़ताल पर रोक वाला कानून लागू किया गया था। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था। बिजली कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए सरकार ने एस्मा लागू करने की घोषणा की थी। हड़ताल पर गए कर्मचारियों को कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।

क्या है ESMA?

एस्‍मा (ESMA) यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (Essential Services Management Act)। इसे हिंदी में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून के नाम से भी जाना जाता है। ESMA 1968 मे संसद से पास हुआ था। इस कानून का इस्तेमाल तब किया जाता है जब कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं। इस कानून को हड़ताल को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खास बात यह है कि इस कानून ज्यादा से ज्यादा 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है। ESMA एक्ट लागू होने के बाद कर्मचारी हड़ताल या प्रदर्शन करते हैं और उससे राज्य सरकार के कामकाज प्रभावित होते हैं तो ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा बिना वारंट के उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। अगर कोई कर्मचारी इस कानून का पालन नहीं करता है तो उसे 6 महीने की जेल की सजा का प्रावधान है।