नोएडा प्राधिकरण से ट्रांसफर चार्ज की नीति सही करने की मांग : नोएडा सिटीजन फोरम

नोएडा :- आज नोएडा मीडिया क्लब में नोएडा सिटीजन फोरम की तरफ से एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें नोएडा सिटीजन फॉर्म में नोएडा प्राधिकरण से जनहित में मांग की गई। कि प्राधिकरण अपनी ट्रांसफर शुल्क की लिए जाने की नीति में सुधार करें जिससे नोएडा में घर खरीदने वालों को राहत मिले

ट्रांसफर चार्ज की नीति सही करने की मांग क्यों उठाई गई ?

नोएडा शहर के भूखंड व भवन नोएडा प्राधिकरण द्वारा प्रारंभ में 99 वर्ष के पट्टे पर आमंत्रित किए गए थे परंतु गत एक दशक से 90 वर्ष के पट्टों पर आवंटन किया जा रहा है
प्लॉट / संपत्तियों की बिक्री होने पर खरीददार के नाम पर उस प्लॉट संपत्ति को नोएडा प्राधिकरण खरीदार के नाम पर ट्रांसफर करता है जिसके लिए शुल्क के रूप में ट्रांसफर चार्ज प्राधिकरण द्वारा लिया जाता है। जो कि अलग-अलग सेक्टर के हिसाब से निर्धारित किया गया है

मानें यदि वर्ष 1981 में कोई प्लाट किसी को आवंटित किया गया तथा वह प्लाट 2021 तक 10 बार बिक चुका है तो प्राधिकरण हर बार 90 वर्ष की लीज के अनुसार ही उस प्लाट पर ट्रान्सफर चार्ज लेता है जोकि उचित नहीं है क्योंकि प्राधिकरण को केवल उसी गणना के अनुसार ट्रान्सफर शुल्क लेना चाहिए जितनी उस प्लाट की लीज डीड शेष बची है, जोकि लगभग 50 वर्ष होगी जबकि प्राधिकरण 2021 में भी उससे पूरे 90 साल के हिसाब से ट्रान्सफर शुल्क लेगा यानी 40 वर्ष का अधिक।

समस्या की बात यह है कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा नए आवंटित पुराने आवंटित दोनों प्रकार की संपत्तियों पर एक समान ट्रांसफर चार्ज लिया जाता है सामान्य शब्दों में समझाएं तो जिस प्लॉट या संपत्ति की लीज की अवधि 40 या 50 वर्ष बची है उस संपत्ति पर भी पूरे 90 साल के हिसाब से ट्रांसफर चार्ज लिया जा रहा है जो कि गलत है

जितने वर्ष प्लाट/संपत्ति का उपयोग उतना ट्रांसपोर्ट चार्ज : नोएडा सिटीजन फोरम

नोएडा सिटीजन फोरम ने सवाल उठाए हैं कि अन्तरण शुल्क जिस दर पर भी प्राधिकरण लेना चाहे उसे प्रतिवर्ष के आधार पर विभाजित किया जाना चाहिए ताकि आवंटी खरीददार जितने वर्ष तक भूखंड का उपयोग कर सकता है उतने ही समय का आनुपातिक अन्तरण शुल्क का भुगतान करने की बाध्यता हो न कि पूरे 90 वर्ष के लिए।
उदाहरण के लिए यदि वर्ष 1980 में आवंटित भूखण्ड का अंतरण शुल्क 2021 में रु. 90000/- निश्चित किया जाता है तथा खरीददार को भूखण्ड उपयोग का कुल समय लगभग 50 वर्ष ही मिलता है तो अन्तरण शुल्क आनुपातिक आधार पर केवल 50 वर्षों के लिए रुपए 50,000 ही देय होना चाहिए नाकि 90 वर्ष के हिसाब से।
समझ से परे है कि जब प्राधिकरण 2021 में बिकी हुई किसी सम्पति पर आपको अधिकार केवल 50 शेष वर्षों के लिए ही देगा तो फिर ट्रान्सफर शुल्क पूरे 90 वर्ष के लिए क्यों वसूला जा रहा है

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