Amity University : एमिटी विश्वविद्यालय में मनाया गया विश्व फिजियोथिरेपी दिवस

:- व्याख्यान सत्रों और परिचर्चा सत्र का आयोजन

नोएडा :- विश्व फिजियोथिरेपी दिवस पर छात्रों को फिजियोथिरेपी चिकित्सा के क्षेत्र में हो रही नवीनतम प्रगति की जानकारी प्रदान करने के लिए आज एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फिजियोथिरेपी द्वारा व्याख्यान सत्रों और परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देल्ही कांउसिल फॉर फिजियोथिरेपीस्ट एंड ऑक्यूपेशनल थिरेपीस्ट के सदस्य डा वी पी गुप्ता, नई दिल्ली के प्राइमस अस्पताल की फिजियोथिरेपी विभाग के प्रमुख डा निशांत जेमिनी ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के हैल्थ एंड एलाइड सांइसेस के डीन डा बी सी दास, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फिजियोथिरेपी के सलाहकार डा एस के श्रीवास्तव और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फिजियोथिरेपी के निदेशक डा जसोबंता सेठी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर ‘‘ ऑस्टियोआर्थराइटिस में फिजियोथिरेपी की भूमिका’’ पर परिचर्चा सत्र का आयोजन भी किया गया।

डॉक्टर वी पी गुप्ता ने कहा

कार्यक्रम में देल्ही कांउसिल फॉर फिजियोथिेरपीस्ट एंड ऑक्यूपेशनल थिरेपीस्ट के सदस्य डा वी पी गुप्ता ने ‘‘ऑस्टियोआर्थराइटिस के प्रबंधन में फिजियोथिरेपीस्ट की भूमिका’’ पर व्याख्यान देते हुए कहा कि ऑस्टियोआर्थराइटिस गठिया का आम रूप होता है जो जोड़ो में दर्द के साथ उनके संचालन की गति को धीमा कर देता है। कोविड के उपरांत कई कारणों से इसके रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है और इस बार विश्व फिजियोथिरेपी दिवस का मुद्दा इसे रखा गया है। डा गुप्ता ने कहा कि आपको रोग के इलाज के अलावा मरीजों को इसके रोकथाम की जानकारी भी प्रदान करनी चाहिए। शोध के अनुसार वर्तमान में जोड़ो से प्रारंभ होकर यह रोग श्वसन प्रणाली तक को प्रभावित कर रहा है। उन्होनें कहा कि केवल रोगी की फिजियोथिरेपी ही नही बल्कि उनकी कांउसिल और जानकारी प्रदान करना भी चिकित्सा का भाग है। बदलती जीवनशैली इस प्रकार के रोगों को बढ़ावा दिया है और ऐसे में फिजियोथिरेपीस्ट की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है।

डॉ निशांत जेमिनी ने बताया

नई दिल्ली के प्राइमस अस्पताल की फिजियोथिरेपी विभाग के प्रमुख डा निशांत जेमिनी ने ‘‘ऑस्टियोआर्थराइटिस के प्रबंधन में फिजियोथिरेपीस्ट द्वारा के सम्मुख चुनौतियां’’ पर व्याख्यान देते हुए कहा कि फिजियोथिरेपी एक व्यवसाय नही है बल्की रोगी को स्वस्थ करने का एहसास है। ऑस्टियोआर्थराइटिस एक तरह का गठिया रोग है जिसके हड्डियों को बचाव करने वाले कार्टिलेज नष्ट होते है, कई बार दर्द अकड़न और अन्य तरह की समस्या उत्पन्न होती है। आर्थराइटिस का अर्थ जोड़ो पर जलन और ग्रीक भाषा में ऑस्टियो का अर्थ हड्डी होता है। डा जेमिनी ने कहा कि बढ़ती उम्र के कारण कार्टिलेज का टूटना या दरार, चोट, मोटापा, खराब पोश्चर, जीवनशैली आदि इसके कारण होते है इसके अलावा परिवार में विशेषकर माता पिता में इस रोग के होने पर रोगी हाने की आशंका बढ़ जाती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस मुख्य रूप से वजन उठाने वाले जोड़ जैसे घुटना, पीठ, पैरों सहित हाथो और स्पाइन पर प्रहार करता है। दर्द, अकड़नपन, सूजन, मांसपेशियों की कमजोरी आदि इसके लक्षण है। डा जेमिनी ने कहा कि इलाज के माध्यम से इसके लक्षणो को कम करने की कोशिश की जाती है जिसमें व्यायाम, विशेष स्ट्रैचिंग, घरेलु व्यायाम के साथ ऐरोबिक करके पौष्टिक डायट, भरपूर नींद के अलाव आर्थास्कोपीक सर्जरी, घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी और कार्टिलेज ट्रांसप्लांट शामिल है। उन्होनें कहा कि फिजियोथिरेपी के उपचार के दौरान रोगी को भ् पौष्टिक भोजन करने और टहलने की सलाह भी दे।

एमिटी विश्वविद्यालय के हैल्थ एंड एलाइड सांइसेस के डीन डा बी सी दास ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कोविड के उपरांत फिजियोथिरेपी की मांग बढ़ी है और आम व्यक्ति भी स्वंय को स्वस्थ रखने के लिए फिजियोथिरेपीस्ट की सहायता ले रहे है। एक विकसित देश के लिए वहां के लोगों का स्वस्थ रहना आवश्यक है। आज लोग 45 साल की उम्र से हड्डीयों के रोगो से ग्रसित हो रहे है जिसका मुख्य कारण खराब जीवनशैली और व्यायाम ना करना है इसलिए फिजियोथिरेपीस्ट की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है आप लोगों को रोग मुक्त करने के साथ अच्छे से जीवन जीने के प्रति जागरूक भी करें।

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फिजियोथिरेपी के सलाहकार डा एस के श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड के दौरान बाहरी खेलकूद और टहलने की कम गतिविधियों ने लोगों को रोगी बना दिया है उन्होनें छात्रों से कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से जागरूकता फैलाये और शोध करके नये इलाज तकनीकीयों को खोजे जिसका लाभ समाज के हर व्यक्ति को प्राप्त हो।

इस अवसर पर ‘‘ ऑस्टियोआर्थराइटिस में फिजियोथिरेपी की भूमिका’’ पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें अतिथियों सहित एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फिजियोथिरेपी शिक्षको ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।