मदरहुड क्लब को एफबी निगम पुरस्कार

नवरत्न फाउंडेशन्स ने वार्षिकोत्सव “समर्पण -2022′ का किया आयोजन 

नोएडा:- सामाजिक विकास में अनुकरणीय योगदान दे रहे मदरहुड क्लब के प्रेरणादायी कार्यो को देखते हुए नाजुक कविह्र्दयी एकता सहगल मल्होत्रा को नवरत्न श्री एफ बी निगम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नवरत्न फाउंडेशन के वार्षिकोत्सव समर्पण 2022 में इस पुरस्कार के रूप में एकता सहगल को पुरस्कार राशि 21,000/ नकद एवं स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया गया।

एकता सहगल के बारे में:

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एक फौजी पिता और शिक्षिका मां के संतान के रूप में सुश्री एकता सहगल को अनुशासन, समय की पाबंदी एवं विषम परिस्थितियों में खुद को ढालने की कला विरासत में प्राप्त हुई। इन्होंने स्नातक की डिग्री के बाद वित्त प्रबंधन में एमबीए कर कई अंतरराष्ट्रीय बैंकों में अपनी सेवाएं दी। किंतु पिता की गम्भीर बीमारी की वजह से इन्हें नौकरी छोड़कर नोएडा आना पड़ा। लंबी बीमारी की वजह से 7 साल कोमा में रहने के बाद दुर्भाग्यवश पिता जी का देहावसान हो गया। किंतु इन सात वर्षों ने एकता को जिंदगी के सभी पहलुओं से अवगत करवा दिया। 

अपनी छोटी सी उम्र में इन्होंने जीवन के मूल्य को पहचाना और ठान लिया कि मनुष्य जीवन को व्यर्थ नही जाने देंगी। अतः वित्त सलाहकार के रूप में अपना काम पुनः शुरू कर मानस वेल्थ कम्पनी का शुभारंभ किया। अपनी कम्पनी को चलाते चलाते इन्होंने यह महसूस किया कि भारत मे खास तौर से महिलाएं वित्त प्रबंधन ठीक से नही कर पाती। इस गम्भीर विषय को आसान बनाकर लोगो को जागरूक करते हुए इन्होंने पिछले 5 वर्षों में 50 ऑफलाइन व 200 से ज्यादा ऑनलाइन सेशन/लेक्चर के माध्यम से उनकी मेंटरिंग का कार्य किया।जिंदगी के इन उतार चढ़ाव की वजह से एकता का विवाह कुछ देरी से किंतु उन्हें एक बहुत सुलझे व सहयोगी व्यक्तित्व का साथ मिला। जो हर कदम पर उनके साथ खड़े थे। फिर एक प्यारी सी बिटिया हुई, जो अभी महज 5 वर्ष की है। सभी माताओं की तरह एकता भी अपनी बच्ची के लिए सपने देखती थी। और इन सपनो ने ही 2017 में आभासी दुनिया मे मदरहुड क्लब की आधारशिला रखी। इन्होंने लगभग 200 माताओं को मदरहुड के मंच पर बुलाकर उनकी जीवन यात्रा के बारे में जाना और समझा। माँ तो मां ही होती है। हर मां के मातृत्व को नमन करने के लिए 2021 में मदरहुड क्लब द्वारा वंडर मॉम इवेंट का आयोजन किया गया।देश विदेश से माताओं का पंजीकरण किया गया। जिसमे 81 महिलाओं को वंडर मॉम और सुपर मॉम के सम्मान से अलंकृत किया गया। इन माताओं में कुछ महिलाएं ऐसी भी थी जो आर्थिक रूप से बेहद कमजोर थी और दूसरों के घर काम करके अपने बच्चों के सपनो को उड़ान दे रही थी। आज इस क्लब में 1500 से ज्यादा सदस्य हैं। मदरहुड क्लब विभिन्न क्षेत्र की प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर प्रतिभा विकास का सराहनीय प्रयास कर रही है वहीं कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित रोगियों के लिए आर्थिक प्रयास रही है। इसके अलावा आदिवासी महिलाओं में सेनेटरी नेपकिन का वितरण कर महिला स्वास्थ्य जागरूकता पर अपना ध्यान केंद्रित किया। कोविड की महामारी के दौरान गरीबो के लिए राशन, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयों की व्यवस्था, गरीब बच्चों की शिक्षण सामग्री, निठारी लाइब्रेरी हेतु किताबो की रैक आदि ऐसे कई अनगिनत कार्य मदरहुड क्लब के सौजन्य से उपलब्ध करवाए गए। इन्होंने बाल विकास हेतु किड़ों मेंटरिंग ग्रुप की स्थापना की। 

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