Up election 2022 : अखिलेश यादव छोटे बड़े राजनीतिक दलों से कर रहे हैं गठबंधन, मगर सीट शेयरिंग पर खामोशी बरकरार !

लखनऊ :- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर चुनावी गहमागहमी तेज हो चुकी है। साथ ही राजनीतिक दल आए दिन गठबंधन के ऐलान कर रहे हो।अगर राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से भारतीय जनता पार्टी की सीधी टक्कर मानी जा रही है। सियासी लिहाज से देखें तो सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कई दलों से गठबंधन किया है। अखिलेश यादव गठबंधन तो कर रहे हैं मगर अभी तक सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर मुहर नहीं लग पाई है। कहने का मतलब है कि गठबंधन तो हो गया है किंतु सीटों के बंटवारे को लेकर पेच फंसा हुआ है

उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 में जीत का दावा करने वाली सपा ने लगभग एक दर्जन छोटे बड़े राजनीतिक दलों से गठबंधन किया है। इनमें कई क्षेत्रीय पार्टियों में शामिल है या हम आपको बता दें कि बहुजन समाज पार्टी के कई बागी नेता भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। जो कि विधानसभा टिकट का दावा कर रहे हो

किन दलों से हुआ है समाजवादी पार्टी का गठबंधन

  1. महान दल
  2. जनवादी पार्टी ( सोशलिस्ट )
  3. राष्ट्रीय लोक दल
  4. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी
  5. अपना दल ( कमेरावादी )
  6. पॉलीटिकल जस्टिस पार्टी
  7. सुभासपा
  8. लेबर एस पार्टी ( सपा में विलय )
  9. भारतीय किसान सेना ( सपा में विलय )
  10. आम आदमी पार्टी ( गठबंधन पर ऐलान नहीं )
  11. काशीराम बहुजन मूल समाज पार्टी ( गठबंधन पर एलान नहीं )
  12. बसपा के बागी, लालजी वर्मा और राम अचल राजभर

सीट शेयरिंग क्या चाहते हैं गठबंधन के दल

समाजवादी पार्टी ने कई दलों से गठबंधन तो कर लिया है मगर बात सीट शेयरिंग पर अटकी हुई है। यहां अगर आरएलडी की बात करें तो आरएलडी 36 से 40 मिनट मांग रही है और उसे कितनी सीट मिलने की उम्मीद भी है। क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोट बैंक हमेशा आरएलडी के साथ रहा है। अगर महान दल की बात करें तो केशव देव मौर्य 10 सीटों पर अपना दावा ठोक रहे हैं।जिन उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट भी वो अखिलेश यादव को सो चुके हैं। और उन्हें आश्वासन मिला है कि सभी को टिकट मिलेगा. इसी तरह समाजवादी पार्टी के गठबंधन में जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के मुताबिक लगभग 12 उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को सौंपी है।

गणतंत्र गोंडवाना पार्टी, लेबर पार्टी और भारतीय किसान सेना को भी कुल मिलाकर 3 सीटें मिल सकती हैं। बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में आने वाले सभी नेताओं को और राम अचल राजभर वह लाल जी वर्मा को भी टिकट मिलेगा ऐसा आश्वासन दिया गया है।

राजभर की सुभासपा पार्टी का क्या है गणित

अगर यहां हम राजभर की सुभाष बा की बात करें तो 2007 में बीजेपी से गठबंधन में उसे 9 सीटें दी गई थी। ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि पूर्वांचल की 140 सीटों पर उनकी पार्टी मजबूत स्थिति में है। ऐसे में माना जा रहा है कि 20 से 22 सीटें ओमप्रकाश राजभर को समाजवादी पार्टी दे सकती है।अगर पॉलीटिकल जस्टिस पार्टी की बात करें तो 2-3 सीटें उसे भी इस गठबंधन में मिल सकती हैं कृष्णा पटेल के अपना दल कमेरावादी की बात करें तो 4-5 सीट उनकी पार्टी को भी गठबंधन में मिल सकती हैं सावित्रीबाई फुले की काशीराम बहुजन मूल समाज पार्टी 2-3 सीटें मिल सकती हैं

आम आदमी पार्टी की बात करें तो फिलहाल अभी सपा के साथ गठबंधन का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि गठबंधन के बाद आम आदमी पार्टी गठबंधन की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी हो सकती है।

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