दिल्ली में 4 साल में 3 गुना बढे बच्चों में मोटापे के मामले, बचपन पर संकट

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की पांचवी रिपोर्ट मैं खुलासा

दिल्ली :- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार बीते 4 सालों में मोटापा ग्रस्त बच्चों की संख्या 3 गुना से अधिक बढ़ गई है पहले अक्सर मोटापा दूर करने के लिए चिकित्सक सलाह देते हुए दिखते थे मगर अब इस रिपोर्ट के साथ यह सरकारी आंकड़ों में भी आ चुका है कि देश की राजधानी दिल्ली में बच्चे तेजी से मोटापे की चपेट में आ रहे हैं

मोटापा बढ़ने की वजह

लॉकडाउन में स्कूलों का बंद होना
दिनचर्या बिगड़ने
बाहर का खानपान
शारीरिक व्यायाम ना करपाना
ज्यादा समय ऑनलाइन क्लास व टीवी देखने

जब साल 2015-16 मैं चौथा सर्वेक्षण की रिपोर्ट आई थी तो उस समय दिल्ली में ऐसे बच्चों की संख्या करीबन 1.2 % थी, लेकिन अब यह बढ़कर 4 फ़ीसदी तक हो चुकी है।गंभीर बात यह है कि जिन बच्चों की उम्र 5 वर्ष या उससे कम है उन बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ी है

डॉक्टरों के अनुसार

डॉक्टरों के अनुसार आमतौर पर बच्चों में मोटापा वंशानुगत माना जाता है अगर माता पिता मोटे हैं तो उनके बच्चों में भी मोटापे की समस्या हो सकती है, लेकिन अब डॉक्टर मोटापा बढ़ने के कई अन्य कारण भी मान रहे हैं। जिनमें बच्चों में बढ़ती अस्वस्थ खानपान की आदत। कोरोना महामारी के कारण बच्चों का बाहर खेलना,स्कूल बंद होना वह लंबे समय तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना जैसे कारण शामिल है

सर्वेक्षण के आंकड़े

सर्वेक्षण टीम ने 9486 घरों में संपर्क करते हुए 11159 महिला और 1700 पुरुषों से बातचीत करते हुए यह रिपोर्ट तैयार की है। पॉपुलेशन रिसर्च सेंटर (पीआरसी) के सहयोग से पूरा हुए इस सर्वे को सबसे ताजा बताया जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया है कि साल 2015-16 से 2019-21 के बीच दिल्ली में कम वजन वाले बच्चों की संख्या 27 से घटकर 21.80 फीसदी आई है। छोटे कद वाले बच्चों की संख्या भी 31.9 से 30.9 फीसदी हुई है। अति कमजोर बच्चों की संख्या 4.6 से बढ़कर 4.9 फीसदी तक पहुंची है

ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में मोटापे का अनुपात ज्यादा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य यह हैं कि दिल्ली में शहरी क्षेत्र से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में मोटापा दिखाई दे रहा है। शहरी क्षेत्रों के बच्चों में चार तो ग्रामीण क्षेत्रों में 4.5 फीसदी बच्चे मोटापे की समस्या से ग्रस्त हैं। डॉक्टरों का मानना है कि दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक जीवनशैली की ओर बच्चों का झुकाव ज्यादा है। शहरीकरण का नुकसान अब गांवों पर भी पड़ने लगा है और यहां जागरूकता लाना जरूरी है।

दिल्ली में बच्चों की स्थिति प्रति एक हजार पर

:- एक हजार लड़कों पर बच्चियां 854 से बढ़कर 913 पर पहुंचा लिंगानुपात।

:- नवजात मृत्यु दर 17.8 से 17.5 दर्ज की गई।

:- शिशु मृत्यु दर 31.2 से कम होकर 24.5 पर पहुंची।

:- 5 वर्ष तक के शिशु मृत्यु दर 42.2 से कम होकर 30.6 पर पहुंची।

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